जानें कब है ये व्रत, क्या है पूजा का मुहूर्त और महत्व
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डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदू कैलेंडर के अनुसार, मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि को सौभाग्य सुंदरी व्रत रखा जाता है। यह व्रत भगवान शिव और माता पार्वती को समर्पित है। इस वर्ष यह व्रत 11 नवंबर, शुक्रवार के दिन है। अखंड सौभाग्य और सौंदर्य का आशीर्वाद प्राप्ति के लिए सुहागन महिलाएं इस व्रत को रखती हैं। इस व्रत के प्रभाव से संतान और सुखद दांपत्य जीवन का आशीर्वाद प्राप्त होता है।
ऐसा माना जाता है कि, जो महिलाएं इस व्रत का पालन करती है उनके सुहाग की रक्षा माता पार्वती करती हैं। यही नहीं इस व्रत के प्रभाव से दांपत्य के साथ मंगलिक दोष भी दूर हो जाते हैं। वहीं जिस अविवाहित कन्या का विवाह न हो रहा हो या देरी हो रही हो या वो मांगलिक है, उसकी समस्या भी दूर हो जाती है। आइए जानते हैं इस व्रत की पूजा विधि और मुहूर्त के बारे में...
मुहूर्त
सौभाग्य सुंदरी व्रत 2022
तृतीया तिथि प्रारंभ: 10 नवंबर, गुरुवार शाम 06 बजकर 32 मिनट से
तृतीया तिथि समापन: 11 नवंबर, शुक्रवार रात 08 बजकर 17 मिनट पर
पूजा की सामग्री
पूजा की चौकी, लाल कपड़ा, कुमकुम, रोली, मौली, बेलपत्र, फूल, माला, पान, सुपारी, लौंग, हरी इलाचयी, बताशा, दक्षिणा, आक के फूल, सफेद चंदन, अक्षत, धूप, दीप, कपूर, मिठाई, फल और नारियल।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   9 Nov 2022 4:22 PM IST