पौष मास: जानें इस माह का महत्व,रखें ये सावधानियां
डिजिटल डेस्क। हिन्दू पंचांग के दसवां महीना पौष मास कहलाता है। इस महीने में हेमंत ऋतु का प्रभाव रहता है अतः ठंड काफी रहती है। ज्योतिष के अनुसार पौष मास की पूर्णिमा को चन्द्रमा पुष्य नक्षत्र में रहता है और इसी कारण इस महीने को पौष का महीना कहा जाता है। इस वर्ष इस माह की शुरुआत 13 दिसंबर से हो चुकी है। आइए जानते हैं इस माह से जुड़ी खास बातें...
मान्यता
कहा जाता है कि इस महीने सूर्य ग्यारह हजार रश्मियों के साथ व्यक्ति को उर्जा और स्वास्थ्य प्रदान करता है। पौष मास में अगर सूर्य की नियमित उपासना की जाए तो वर्षभर व्यक्ति स्वस्थ और संपन्न रहेगा। मान्यता है कि इस महीने में भगवान सूर्यनारायण की विशेष पूजा अर्चना से उत्तम स्वास्थ्य और मान सम्मान की प्राप्ति हो सकती है।
इसी माह में ऐसे करें सूर्य देव की उपासना
- इस माह में प्रतिदिन सबसे पहले नित्य प्रातः स्नान करने के बाद सूर्य को जल अर्पित करना चाहिए।
- इसके बाद ताम्बे के पात्र से जल दें।
- जल में रोली और लाल फूल डालें।
- इसके बाद सूर्य के मंत्र "ॐ आदित्याय नमः" का जाप करें।
- इस माह नमक का सेवन कम से कम करना चाहिए।
खान-पान में रखें ये सावधानी
- इस माह में चीनी की बजाय गुड़ का सेवन करें।
- खाने पीने में मेवे और स्निग्ध चीजों का इस्तेमाल करें।
- इस महीने में बहुत ज्यादा तेल घी का प्रयोग भी उत्तम नहीं होगा।
- अजवाइन, लौंग और अदरक का सेवन लाभकारी होता है।
- इस महीने में ठन्डे पानी का प्रयोग, स्नान में गड़बड़ी और अत्यधिक खाना खतरनाक हो सकता है।
Created On :   14 Dec 2019 11:37 AM GMT