इस विधि से करें भगवान विष्णु की पूजा, सभी पाप होंगे नष्ट
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। चैत्र मास की एकादशी का हिंदू धर्म में अत्यधिक महत्व है। इसे पापमोचिनी एकादशी के नाम से जाना जाता है। यह एकादशी भगवान विष्णु को समर्पित होती है। इस व्रत में भगवान विष्णु के चतुर्भुज रूप की पूजा की जाती है। यह एकादशी इस साल 18 मार्च 2023, शनिवार को है। मान्यता है कि पापमोचिनी एकादशी व्रत के प्रभाव से भक्त के सभी पाप नष्ट हो जाते हैं।
पुराणों के अनुसार भगवान श्री कृष्ण ने अर्जुन को इस एकादशी के महत्व के बारे में बताया था। उन्होंने कहा था कि जो भी कृष्ण पक्ष की एकादशी का व्रत रखता है उसके सारे पाप नष्ट हो जाते हैं। इसलिए एकादशी के दिन भगवान विष्णु की पूजा की जाती है। आइए जनते हैं इस दिन का महत्व, शुभ मुहूर्त और पूजा का महत्व...
शुभ मुहूर्त
एकादशी तिथि प्रारम्भ: 17 मार्च 2023, दोपहर 02 बजकर 06 मिनट पर
एकादशी तिथि समाप्त 18 मार्च 2023, सुबह 11 बजकर 13 मिनट पर
पारण समय: 19 मार्च 2023, सुबह 06 बजकर 26 मिनट से सुबह 08 बजकर 07 मिनट तक
पूजन विधि-
- व्रती एकादशी के दिन सूर्योदय होते ही स्नान करके व्रत का संकल्प लें।
- इस संकल्प के बाद ही भगवान श्री विष्णु की पूजा करें।
- पूजा के बाद भगवान के पास बैठकर भग्वद् कथा का पाठ करें या श्रवण करें।
- एकादशी तिथि को जागरण करने से कईगुणा अधिक पुण्य मिलता है।
इसलिए रात में भी निराहार रहकर भजन कीर्तन करना चाहिए।
- द्वादशी के दिन प्रात: स्नान करके विष्णु भगवान की पूजा करें।
- पूजा के बाद ब्रह्मणों को भोजन करवाकर दक्षिणा सहित विदा करें।
- इसके बाद स्वयं भोजन ग्रहण करना चाहिए।
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Created On :   18 March 2023 7:07 PM IST