Nag Panchami : उज्जैन नागचंद्रेश्वर मंदिर के खुले कपाट, आज रात 12 बजे तक श्रद्धालु कर सकेंगे दर्शन
डिजिटल डेस्क। श्रावण मास का तीसरा सोमवार इस वर्ष बेहद खास है, क्योंकि इस सोमवार नाग पंचमी भी मनाई जा रही है। कई वर्षो बाद ऐसा संयोग आया है, जब सावन माह का सोमवार और नागपंचमी एक ही दिन है। ऐसे में शिवालयों और मंदिरों में शिवभक्तों का तांता लगा हुआ है। मध्यप्रदेश में उज्जैन में इस दिन का खास महत्व है, जहां नागचंद्रेश्वर मंदिर के कपाट पूरे एक साल में एक दिन खुलते हैं। रविवार रात 12 बजे यहां मंदिर के कपाट प्रशासनिक अधिकारियों की मौजूदगी में खोले गए और महानिर्वाणी अखाड़े के महंत पुजारी प्रकाशपुरी महाराज ने विधि विधान से त्रिकाल की विशेष पूजा की।
महादेव का पूजन
मंदिर के पट खुलने से पहले महंत प्रकाश पुरी ने मंदिर के बाहर लगी नागशैया पर विराजित शिव-पार्वती का पूजन किया। इसके बाद पट खोल कर भगवान नागचंद्रेश्वर महादेव का पूजन-अभिषेक किया। नागचंद्रेश्वर का सोमवार दोपहर 12 बजे अखाड़े द्वारा पूजन किया जाएगा। इसके बाद मंदिर समिति द्वारा महाकालेश्वर की सायं आरती के बाद नागचंद्रेश्वर की पूजन-आरती की जाएगी।
अपनी बारी का इंतजार
चूंकि इस दिन नांग पंचमी के साथ सोमवार भी है, ऐसे में भगवान महाकाल के दर्शन के लिए भी बड़ी संख्या में लोग पहुंचे। नागचंद्रेश्वर मंदिर में लाखों श्रद्धालू लंबी कतार में लगकर दर्शन का लाभ ले रहे हैं, यहां करीब डेढ़ किलोमीटर से अधिक लंबी लाइन को देखा जा सकता है, जहां श्रद्धालु अपनी बारी का इंतजार करते नजर आ रहे हैं। वहीं रात से सुबह तक एक लाख से ज्यादा लोग अपने आराध्य के दर्शन कर चुके हैं। बता दें कि महाकाल मंदिर की तीसरी मंजिल पर विराजित नागचंद्रेश्वर मंदिर के पट एक साल में एक बार नागपंचमी के मौके पर खोले जाते हैं, भक्त यहां सोमवार रात 12 बजे तक दर्शन कर पाएंगे।
पुराणों के अनुसार, इस मंदिर में नाग पंचमी के दिन पूजा करने से सर्पदोषों से मुक्ति मिलती है। हर साल बढ़ी संख्या में नाग पंचमी के दिन श्रद्धालू यहां पहुंचते हैं। ग्यारहवीं शताब्दी के इस मंदिर में नाग पर आसीन शिव-पार्वती की अतिसुंदर प्रतिमा है, जिसके ऊपर छत्र के रूप में नागदेवता अपना फन फैलाए हुए हैं। कहा जाता है कि दुनिया में यह एक मात्र ऐसा मंदिर है, जहां शिव और पार्वती की ऐसी अद्भुत प्रतिमा स्थापित है। इस मंदिर में दशमुखी नाग शैय्या पर भगवान शिव और पार्वती अपने पुत्र गणेश के साथ विराजमान हैं।
Created On :   5 Aug 2019 10:57 AM IST