चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए दर्श अमावस्या पर करें खास पूजन, खुल जाएंगे कामयाबी के रास्ते

On which day will Darsha Amavasya be celebrated, know auspicious time, worship method
चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए दर्श अमावस्या पर करें खास पूजन, खुल जाएंगे कामयाबी के रास्ते
धर्म चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए दर्श अमावस्या पर करें खास पूजन, खुल जाएंगे कामयाबी के रास्ते

डिजिटल डेस्क, भोपाल। दर्श अमावस्या के दिन आपने पूर्वजों की पूजा भी की जाती है और चंद्रमा के दर्शन  किए जाते हैं।  इस दिन आसमान में चंद्रमा दिखाई नहीं देता है। बताया जाता है, कि इस दिन हमारे पूर्वज स्वर्ग से धरती पर आते हैं और हमें आशीर्वाद देते हैं। इसलिए दर्श अमावस्या पर पूर्वजों के लिए प्रार्थना की जाती है। दर्श अमावस्या को श्राद्ध अमावस्या के नाम से भी जाना जाता है। इस दिन पितृ दोष से मुक्ति पाने के लिए दान पुण्य करना बहुत ही शुभ माना जाता है। दर्श अमावस्या  28 जून को मनाई जाएंगी। इस दिन मंगलवार है। हर महीने की कृष्ण पक्ष में पड़ने वाली अमावस्या को दर्श अमावस्या के रूप में मनाया जाता है। 

इस दिन चंद्रमा की पूजा करने से मन को शांति मिलती है। इसी के साथ पितृ दोष के निवारण के लिए भी दर्श अमावस्या बहुत महत्व मानी जाती है। इस मौके पर चंद्रमा को प्रसन्न करने के लिए प्रातः काल स्नान करके तर्पण करना चाहिए। इससे जीवन में खुशहाली आती है। जिन लोगों की कुंडली में चंद्रमा कमजोर होता है। उन्हें इस दिन का व्रत रखकर चंद्रदेव की पूजा - अर्चना करनी चाहिए। ऐसा करने से उनका भाग्योदय होता है। मान्यता है कि दर्श अमावस्या के दिन प्रेत आत्माएं बहुत ही सक्रिय हो जाती हैं। इसलिए इस दिन बुरे कार्यों से दूरी रहना चाहिए। दर्श अमावस्या  के दिन धार्मिक कार्य में ध्यान देना चाहिए। दर्श अमावस्या के दिन व्रत करने और चंद्रमा की पूजा करने से आपके जीवन में सफलता प्राप्त होगी।

दर्श अमावस्या  तिथि और शुभ मुहूर्त 
 पंचांग के मुताबिक दर्श अमावस्या 28 जून, मंगलवार की अमावस्या तिथि को पड़ रही है। इस दिन अभिजित मुहूर्त सुबह 11 :56 मिनट से 12 :52 मिनट तक है। वहीं अमृत काल सुबह 09 :10 से 10 : 58 मिनट तक है।  

दर्श अमावस्या पूजन विधि 
जानकारों के अनुसार दर्श अमावस्या के दिन स्नान-दान करने का बहुत महत्व होता हैं। इस दिन आगर आप गंगा-स्नान करते है, तो उसका विशिष्ट महत्व मिलता हैं। जो लोग गंगा स्नान नहीं कर सकते वो किसी भी नदी या सरोवर तट पर स्नान कर सकते हैं इसी के साथ शिव-पार्वती और तुलसीजी की पूजा करते हैं। 

 

डिसक्लेमर- ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।

Created On :   27 Jun 2022 11:51 AM IST

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