जानिए कब से प्रारंभ हो रही हैं गुप्त नवरात्रि , इन चीजों का भोग लगाएं मां प्रसन्न होकर देंगी आशीर्वाद
डिजिटल डेस्क,भोपाल। नवरात्रि वर्ष में चार बार आती है। नवरात्रि माघ, चैत्र, आषाढ़,अश्विन मास में मनायी जाती है। जिसमें 2 गुप्त नवरात्रि आती हैं और 2 मुख्य नवरात्रि होती हैं। गुप्त नवरात्रि आषाढ़ और माघ के महीने में आती हैं, वहीं अश्विन और चैत्र महीने में प्रत्यक्ष नवरात्रि आती हैं । नवरात्रि में देवी के नौ स्वरुपों की पूजा-अर्चना की जाती है।
आषाढ़ महीने में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि का पर्व शुरू होने जा रहा है, , इन नवरात्रि में मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना गुप्त तरीके से की जाती है। इसलिए इसे गुप्त नवरात्रि कहा जाता हैं। इस बार आषाढ़ महीने की गुप्त नवरात्रि 30 जून से शुरू होकर 8 जुलाई तक चलेंगी।
घटस्थापना का शुभ मुहूर्त
मां दुर्गा की आराधना का यह पर्व का आषाढ़ माह की प्रतिपदा तिथि से शुरू होगा। 29 जून की सुबह 08:21 बजे से 30 जून की सुबह 10:49 बजे तक प्रतिपदा तिथि रहेगी, वहीं घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 30 जून 2022 की सुबह 05:26 बजे से 06:43 बजे तक रहेगा, आप इस शुभ मुहूर्त पर कलश की स्थापना कर सकते हैं।
किस दिन कौन सा भोग लगाएं?
मां दुर्गा के 9 रूपों की आराधना 9 दिनों तक की जाती है और मां का प्रिय भोग लगाने से मां जल्दी प्रसन्न होती हैं। सुख-समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं, तो किस दिन कौन सा भोग लगाना चाहिए, इस बात का विशेष ध्यान रखें। आइए जानते है किस दिन कौन सा भोग लगाएं ।
पहली तिथि भोग: गुप्त नवरात्रि के पहला दिन मां शैलपुत्री का दिन होता है। मां शैलपुत्री को गाय के घी से बनी सफेद चीजों, मिठाइयों का भोग लगाएं। इस दिन देवी मां के चरणों में गाय का घी अर्पित करने से आरोग्य का आशीर्वाद मिलता है।
द्वितीय तिथि भोग: दूसरे दिन मां ब्रह्मचारिणी की पूजा होती है, इस दिन मां को पंचामृत और शक्कर का भोग लगाने से मां प्रसन्न होती हैं और दीर्घायु होने का वरदान प्राप्त होता है।
तृतीया तिथि भोग: गुप्त नवरात्रि का तीसरा दिन मां चंद्रघंटा का होता है. मां चंद्रघंटा को दूध से बनी चीजों जैसे खीर, मिठाई का भोग लगाएं, इससे दुखों से मुक्ति मिलती है ।
चतुर्थी तिथि भोग: चतुर्थी तिथि को मां कूष्मांडा की पूजा करें और इस दिन मालपुए का भोग लगाने से निर्णय लेने की शक्ति बढ़ती है।
पंचमी तिथि भोग: पांचवे दिन मां स्कंदमाता की पूजा की जाती है, उन्हें केले का भोग लगाना शुभ होता है, ऐसा करने से निरोगी काया का आशीर्वाद मिलता है।
षष्ठी तिथि भोग: छठवे दिन मां कात्यायनी की पूजा की जाती है, इस दिन मां को शहद का भोग लगाएं, इससे बुद्धि का विकास होता है।
सप्तमी तिथि भोग: सप्तमी के दिन मां कालरात्रि को गुड़ का भोग लगाएं, ऐसा करने से हमें शोक से मुक्ति मिलती है।
अष्टमी तिथि भोग: अष्टमी के दिन मां महागौरी को भोग में नारियल अर्पित करें , इस नारियल को दान करें। ऐसा करने से मां का आशीर्वाद मिलता और संतान संबंधी परेशानियों से छुटकारा मिलता है।
नवमी तिथि भोग: गुप्त नवरात्रि के आखिरी यानी कि नौवें दिन मां सिद्धिदात्री को तिल का भोग लगाना चाहिए और ब्राह्मणों को दान करना चाहिए , इससे मृत्यु भय से राहत मिलती है।
डिसक्लेमरः ये जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। भास्कर हिंदी इसकी पुष्टि नहीं करता है।
Created On :   28 Jun 2022 2:05 PM IST