Nag Panchami 2024: 500 साल बाद बना दुर्लभ संयोग, जानिए नाग पंचमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त

500 साल बाद बना दुर्लभ संयोग, जानिए नाग पंचमी की पूजा विधि और शुभ मुहूर्त
  • भगवान शिव और नागदेवता की पूजा की जाती है
  • कालसर्प दोष और पितृदोष से मुक्ति मिलती है
  • करीब 500 साल बाद दुर्लभ संयोग बन रहा है

डिजिटल डेस्क, भोपाल। हिंदू धर्म में श्रावण माह का विशेष महत्व होता है और इसमें आने वाले हर एक त्योहार को विशेष माना जाता है। फिलहाल, आज (09 अगस्त 2024, शुक्रवार) शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी (Nag Panchami) का पर्व मनाया जा रहा है। ऐसी मान्यता है कि, जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत रखने के साथ ही पूरे विधि विधान से भगवान शिव और नागदेवता की पूजा करता है उसे कभी भी परेशानियों का सामना नहीं करना पड़ता। साथ ही वह कालसर्प दोष और पितृदोष से मुक्ति पा लेता है।

ज्योतिषाचार्य के अनुसार, इस खास दिन कई दुर्लभ योग बन रहे हैं। वैदिक पंचांग की गणना के मुताबिक इस वर्ष करीब 500 साल बाद दुर्लभ संयोग बना है। ऐसे में इस दिन अभिजीत मुहूर्त के साथ-साथ अमृत काल, रवि योग, शिववास योग, सिद्ध योग, साध्य योग, बव और बालव के साथ हस्त नक्षत्र का संयोग है। आइए जानते हैं नागपंचमी पर पूजा का मुहूर्त और पूजा विधि...

तिथि कब से कब तक

पंचमी तिथि आरंभ: 08 अगस्त की मध्यरात्रि यानी 09 अगस्त रात 12 बजकर 37 मिनट (AM) से

पंचमी तिथि समापन: 10 अगस्त 2024, शनिवार की सुबह 3 बजकर 14 मिनट तक

पूजा का मुहूर्त

सुबह शुभ मुहूर्त: सुबह 05:47 मिनट से लेकर 08:27 मिनट तक।

दोपहर शुभ मुहूर्त: दोपहर 12 बजकर 13 मिनट से लेकर 1:00 बजे तक

प्रदोष काल मुहूर्त: शाम 06 बजकर 33 मिनट से रात को 08 बजकर 20 मिनट तक

कैसे मनाते हैं नाग पंचमी

इस दिन लोग उपवास रखते हैं और मंदिरों में सांपों को दूध, चावल का हलवा और फूल चढ़ाते हैं। भारत के कुछ हिस्सों में, महिलाएं अपने भाइयों के साथ, सांप के काटने और अन्य संबंधित चीजों से बचाने के लिए एक विश्वास के साथ प्रार्थना करती हैं। दक्षिण भारत में, लोग इस दिन चांदी की थाली में कमल का फूल रखते हैं और चंदन का लेप लगाते हैं। नाग पंचमी प्रकृति पूजा का एक रूप है जो जानवरों और मनुष्यों के सह-अस्तित्व के महत्व को दर्शाती है।

पूजा विधि

- घर के दरवाजे पर मिट्टी, गोबर या गेरू से नाग देवता का चित्र अंकित करें।

- नाग देवता को दूर्वा, कुशा, फूल, अछत, जल और दूध चढ़ाएं।

- नाग देवता को सेवईं या खीर का भोग लगाएं।

- सांप की बांबी के पास दूध या खीर रखें।

- इसके बाद नाग देवता की आरती करें और वहीं बैठ कर नागपंचमी की कथा पढ़ें।

- नाग देवता से घर में सुख-शांति और सुरक्षा की प्रार्थना करें।

- पूजा के आखिर में हुई भूल चूक के लिए माफी मांगें।

ध्यान रखें ये बात

नाग पंचमी के दिन कई लोग नागों को दूध पिलाते हैं, हालांकि शास्त्रों में नागों को दूध से नहलाने का विधान है न कि उन्हें दूध पिलाने का। वहीं वैज्ञानिकों के अनुसार भी दूध नाग यानी कि सर्प के लिए नुकसान दायक होता है, इसलिए ऐसा नहीं करना चाहिए। इस दिन नाग देवता का दर्शन करना शुभ माना जाता है। नाग पंचमी के दिन सांपों के संरक्षण का संकल्प लेना चाहिए।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   9 Aug 2024 4:59 AM GMT

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