गोवर्धन पूजा 2023: इस पूजा से घर में आती है सुख समृद्धि, मंदिरों में किया जाता है अन्नकूट
डिजिटल डेस्क, भोपाल। कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपाद तिथि यानि कि दीपावली के ठीक एक दिन बाद गोवर्धन पूजा की जाती है। गोवर्धन पूजा का विशेष महत्व ब्रज में है और यहां लाखों श्रद्धालू गोवर्धन की परिक्रमा के लिए आते हैं। लेकिन दीपावली के बाद की गोवर्धन पूजा देशभर में घरों में की जाती है। इसके लिए घर के आंगन गाय के गोबर से गोवर्धन पर्वत की आकृति बनाई जाती है यह मनुष्य के आकार के होते हैं। गोवर्धन को तैयार कर शाम के समय इसकी पूजा की जाती है। इस वर्ष गावर्धन पूजा 13 नवंबर, सोमवार को की जा रही है।
इस दिन मंदिरों में अन्नकूट किया जाता है। मान्यता है कि इस दिन गाय की पूजा करने के बाद गाय पालक को उपहार एवं अन्न वस्त्र देना चाहिए। ऐसा करने से घर में सुख समृद्धि आती है। वृंदावन और मथुरा में इस दिन गोवर्धन पूजा और अन्नकूट उत्सव मनाया जाता है।
तिथि और पूजा मुहूर्त
प्रतिपदा तिथि प्रारंभ: 13 नवंबर, सोमवार दोपहर 02 बजकर 56 मिनट से
प्रतिपदा तिथि का समापन: 14 नवंबर, मंगलवार दोपहर 02 बजकर 36 मिनट पर
पूजा मुहूर्त: सुबह 06 बजकर 43 मिनट से सुबह 08 बजकर 52 मिनट तक
पूजा विधि
- गोवर्धन पूजा के दिन सुबह शरीर पर तेल की मालिश करके स्नान करना चाहिए।
- घर के द्वार पर गोबर से प्रतीकात्मक गोवर्धन पर्वत बनाएं।
- इस पर्वत के बीच में पास में भगवान श्रीकृष्ण की मूर्ति रख दें।
- अब गोवर्धन पर्वत और श्री कृष्ण को विधिन्न प्रकार के पकवानों व मिष्ठानों का भोग लगाएं।
- साथ ही देवराज इंद्र, वरुण, अग्नि और राजा बलि की भी पूजा करें।
- पूजा के बाद कथा सुनें।
- प्रसाद के लिए दही और चीनी का मिश्रण बनाएं और सब में बांटे।
- इसके बाद ब्राह्मण को भोजन करवाकर उसे दान-दक्षिणा दें।
डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।
Created On :   11 Nov 2023 10:44 AM GMT