Falgun Amavasya 2024: जानिए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये काम

जानिए स्नान-दान का शुभ मुहूर्त, पितृ दोष से मुक्ति के लिए करें ये काम
  • धार्मिक दृष्टि से अमावस्या बेहद महत्वपूर्ण है
  • इस दिन गंगा स्नान बहुत ही शुभ माना गया है
  • पितरों की आत्मशांति के लिए तर्पण करना चाहिए

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। हिंदी पंचांग के अनुसार हर माह में कृष्ण पक्ष की अंतिम तिथि को अमावस्या कहा जाता है। वहीं हिंदू वर्ष का अंतिम मास फाल्गुन होता है और इस माह में पड़ने वाली अमावस्या को फाल्गुन या फाल्गुनी अमावस्या के नाम से जाना जाता हैं। धार्मिक दृष्टि से अमावस्या तिथि को बेहद महत्वपूर्ण माना गया है। इस दिन गंगा स्नान बहुत ही शुभ माना जाता है। अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए किए जाने वाले दान,तर्पण, श्राद्ध आदि के लिए यह दिन बहुत ही भाग्यशाली माना जाता है।

ऐसा माना जाता है कि, अमावस्या तिथि को गंगा या किसी पवित्र नदी में स्नान करना चाहिए। साथ ही इस दिन पितरों का तर्पण करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है। ऐसा करने से जीवन में सुख-समृद्धि बनी रहती है। इस वर्ष फाल्गुन अमावस्या 10 मार्च 2024, रविवार को मनाई जा रही है। तो चलिए जानते हैं फाल्गुन मास की अमावस्या का महत्व और शुभ मुहूर्त...

तिथि कब से कब तक

फाल्गुन अमावस्या आरंभ: 9 मार्च 2024, शनिवार शाम 06 बजकर 17 मिनट से

फाल्गुन अमावस्या समापन: 10 मार्च 2024, रविवार दोपहर 02 बजकर 29 मिनट तक

स्नान-दान मुहूर्त: 10 मार्च की सुबह 04 बजकर 49 मिनट से 05 बजकर 48 मिनट तक

अभिजित मुहूर्त: 10 मार्च की दोपहर 12 बजकर 08 मिनट से दोपहर 01 बजकर 55 मिनट तक

पितृदोष और कालसर्प दोष का निवारण

यदि आप पितृदोष से मुक्ति पाना चाहते हैं तो अमावस्या के दिन अपने पितरों के निमित्त दूध, चावल की खीर बनाकर, गोबर के उपले से बनी कोर पर भोग लगाना चाहिए। इसके साथ ही गाय को रोटी पर थोड़ी-सी खीर रखकर खिलानी चाहिए। अमावस्या के दिन किए गए इस उपाय से आपको पितृदोष से मुक्ति मिलती है। साथ ही उनका आशीर्वाद बना रहता है, जिससे आपके जीवन की समस्याएं दूर होती हैं और परिवार में खुशहाली बनी रहती है।

फाल्गुन मास की अमावस्या पर कालसर्प दोष के निवारण के लिए पूजा भी अमावस्या के दिन विशेष रूप से की जाती है। इस दिन कालसर्प का निवारण करवाने के बाद चांदी के नाग-नागिन का जोड़ा बहते जल में प्रवाहित करना चाहिए। ऐसी मान्यता है कि, इससे कालसर्प का निवारण होता है।

डिसक्लेमरः इस आलेख में दी गई जानकारी अलग अलग किताब और अध्ययन के आधार पर दी गई है। bhaskarhindi.com यह दावा नहीं करता कि ये जानकारी पूरी तरह सही है। पूरी और सही जानकारी के लिए संबंधित क्षेत्र के विशेषज्ञ (ज्योतिष/वास्तुशास्त्री/ अन्य एक्सपर्ट) की सलाह जरूर लें।

Created On :   9 March 2024 12:20 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story