विधि संघर्ष बालकों की उचित देखभाल, पुनर्वास का प्रयास

Legal struggle, proper care of children, rehabilitation efforts
विधि संघर्ष बालकों की उचित देखभाल, पुनर्वास का प्रयास
वाशिम विधि संघर्ष बालकों की उचित देखभाल, पुनर्वास का प्रयास

डिजिटल डेस्क, वाशिम. महिला व बालकों की सुरक्षा को लेकर वाशिम जिला पुलिस दल सतत उपक्रमशील होने के साथही लगातार नई-नई संकल्पना चलाकर प्रशासन को और अधिक लोकाभिमुख बनाने हेतु प्रयासरत भी है । इसी पृष्ठभूमि पर शुक्रवार 24 जून को वाशिम ग्रामीण पुलिस स्टेशन में बालस्नेही पुलिस स्टेशन का शुभारम्भ किया गया । बालन्याय देखभाल और सुरक्षा अधिनियम, 2015 के अंतर्गत देखभाल तथा सुरक्षा की आवश्यकतावाले और विधि संघर्षग्रस्त बालकों को उचित देखभाल, सुरक्षा, विकास, उपचार पुनर्वसन आदि सेवा व सुविधा उपलब्ध करवाने के लिए बालस्नेही दृष्टीकोन सामने रखकर वाशिम ग्रामिण पुलिस स्टेशन में बालस्नेही पुलिस स्टेशन की स्थापना की गई है।

छोटे बालकों का अपराधिक क्षेत्र में सहभाग बढ़ रहा है और वर्तमान स्थिति में वाशिम जिले मंे वर्ष 2020-22 में विधिसंघर्षग्रस्त 18, बालश्रमिक 11, बालविवाह 2, पास्को सह (376 भादंवि 59), (354 भादंवि 100), (363 भादंवि 09) बालकांें की आंकडेवारी चिंतनीय है । इसके लिए विशेष प्रयास के रुप में किसी भी कारण से पुलिस स्टेशन में आनेवाले बालक के मनोरंजन के लिए सामग्री, खिलौने, विविध सूचनापत्रक लगाकर खुशहाल और हंसता-खेलता माहोल निर्माण करने पर वे स्वछंद और निर्भिक माहोल में अपनी बात सुव्यवस्थित रख सकेंगा । साथही बालकों मंे पुलिस के प्रति अपनेपन और विश्वास की भावना निर्माण होकर उनके विचार परिवर्तन करना संभव होंगा । इससे पूर्व भी जिला पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह की संकल्पना से उनके पुणे में पुलिस उपआयुक्त (अपराध) पद पर कार्यरत रहते महाराष्ट्र में सर्वप्रथम उन्होंने पुलिस स्टेशन लष्कर जि. पुणे में फरवरी 2020 में स्टेशन, इस अभिनव संकल्पना बालस्नेही पुलिस स्टेशन की शुरुआत की थी । इसमें पुणे में होप फार चिल्ड्रेन समाजसेवी संस्था उत्कृष्ट रुप से कार्य कर रही है और बालकों के प्रश्नाें पर तत्परता से उत्तर खोजने का उनका ध्यास प्रशंसनिय है ।

राज्य के प्रत्येक पुलिस स्टेशन को बालस्नेही पुलिस स्टेशन बनाने की दिशा में उनका सफर शुरु है और इसके लिए पुलिस स्टेशनस्तर पर आवश्यक सभी सहायता उपलब्ध करवाने का वचन उन्होंने दिया । इस प्रशिक्षण के लिए प्रत्येक पुलिस स्टेशन के विशेष बाल सुरक्षा पथक के अधिकारी अंमलदारों ने हिस्सा लेकी इस उपक्रम की प्रशंसा की । इसी धर्ति पर वाशिम ग्रामिण पुलिस स्टेशन में परिविक्षाधीन सहायक पुलिस अधीक्षक महक स्वामी के नेतृत्व में बालस्नेही पुिलस स्टेशन की स्थापना की गई, जिसका उद्घाटन जिला पुलिस अधीक्षक बच्चन सिंह के हाथों शुक्रवार को हुआ ।  प्रत्येक बालक को देखभाल और सुरक्षा की ज़रुरत होती है । बालस्नेही पुलिस स्टेशन केवल विधिसंघर्षग्रस्त बालकों के लिए ही न होकर सभी बालकों के लिए है । इसमें पुलिस स्टेशन में कार्यरत रहनेवाले अधिकारी व अंमलदारों के बच्चों का भी समावेश होता है । 

बालस्नेही कक्ष को भेंट

वाशिम ग्रामीण पुलिस स्टेशन में 11 महिला अंमलदाराें के बच्चे भी बालस्नेही कक्ष को भेंट देकर वहां पर खुब खेलते है, अभ्यास करते है । उन्हें यह संकल्पना काफी पसंद आने की बात वे कहते है । इस प्रकार के उपक्रमाें से विधिसंघर्षगस्त बालक नशा और अपराधों से दूर होकर अच्छे रास्ते की ओर मुड़ेंगे और समाज की प्रगति के लिए बहुमुल्य योगदान देंगे । इस उपक्रम के लिए वाशिम ग्रामीण पुलिस स्टेशन के पुना संदीप गायकवाड ने विशेष परिश्रम किया । उन्हें जयश्री मजलकर, रजनी सरकटे व सहायक पुलिस उपनिरीक्षक विजय नरडे समेत अन्यों ने सहयोग किया ।

 

Created On :   26 Jun 2022 2:11 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story