खनन पर लगा प्रतिबंध हटते ही अनूपपुर में केजी डेवलपर्स की मनमानी की तस्वीरें आईं सामने

KG developers act arbitrarily in Anuppur as soon as the ban on mining is lifted
खनन पर लगा प्रतिबंध हटते ही अनूपपुर में केजी डेवलपर्स की मनमानी की तस्वीरें आईं सामने
सोन नदी में उतारी मशीनें और निकाल रहे पानी के अंदर से रेत खनन पर लगा प्रतिबंध हटते ही अनूपपुर में केजी डेवलपर्स की मनमानी की तस्वीरें आईं सामने

डिजिटल डेस्क,अनूपपुर। शासन को रायल्टी का पैसा जमा नहीं कराने को लेकर प्रतिबंध की मार झेल रही जिले की रेत ठेका कंपनी के.जी. डेवलपर्स ने खनन की छूट मिलते ही एक बार फिर प्रकृति, नदियों के स्वरूप तथा रेत के खनन को लेकर बने शासन के नियमों को तोडऩा शुरू कर दिया है। तस्वीर सामने आई है सोन नदी के सिद्ध बाबा घाट की, जिसमें मशीनों के जरिये पानी के अंदर से रेत निकालते साफ नजर आ रहा है।

जबकि नदियों से रेत खनन को लेकर प्रदेश सरकार का स्पष्ट नियम है कि नदी में पानी है तो पानी के अंदर से रेत नहीं निकाली जाएगी। ठेकेदार नदी किनारे तट पर जमा रेत ही निकाल सकता है। लेकिन सरकार के इस नियम का यहां पालन होता नजर नहीं आया। कलेक्टर सोनिया मीना ने पूरे मामले की जांच एवं कार्रवाई के लिए खनिज अधिकारी को निर्देशित किये जाने की बात कही है। उन्होंने यह भी बताया कि निविदा शर्तों के उल्लंघन के मामले में माइनिंग कॉर्पोरेशन को कार्रवाई करने पूर्व में पत्र लिखा गया था, जिस पर कॉर्पोरेशन की ओर से अभी कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं।

नदी की बीच धार तक बना दिया रैम्प 

बुधवार को जिला खनिज अधिकारी द्वारा रेत के खनन पर से प्रतिबंध हटा लिए जाने की पुष्टि किए जाने के बाद गुरूवार सुबह जब दैनिक भास्कर की टीम चचाई के समीप सोन नदी के सिद्ध बाबा घाट पर पहुंची तो वहां खसरा नंबर 1/304 की रेत खदान का दृश्य अजब था। ठेका कंपनी के लोगों द्वारा रेत निकालने की खातिर नदी के प्राकृतिक स्वरूप के साथ छेड़छाड़ करते हुए नदी की धारा को ही परिवर्तित कर दिया। नदी के बीचों-बीच तक मशीनें तथा वाहन पहुंचाने सोन नदी की बीच धारा तक रैम्प बना दिया गया है। और इसी रैम्प के अंतिम छोर पर मशीनें लगा कर नदी की बीेच धारा को भेदते हुए, पानी के अंदर से रेत निकाली जा रही थी। यही नहीं इसी रैम्प से होते हुए कइ डंपर भी रेत भरने बीच नदी तक जा पहुंचे थे। 

2 नवंबर को हटा प्रतिबंध

जिले की 22 रेत खदानों का ठेका लेने वाले  केजी डेव्लपर्स द्वारा सितंबर महीने से शासन को प्रतिमाह दी जाने वाली करीब डेढ़ करोड़ रूपये की रायल्टी नहीं चुकाई जा रही थी। इसके चलते माइनिंग कॉर्पोरेशन द्वारा इसका माइनिंग पोर्टल बंद कर दिया गया। 2 नवंबर को कंपनी का माइनिंग टीपी पोर्टल खोला गया और इसके द्वारा रेत के खनन का काम शुरू किया गया। केजी डेवलपर्स पर लगा खनन पर प्रतिबंध किन परिस्थितियों व किन शर्तों पर हटाया गया इसकी जानकारी होने से जिला खनिज अधिकारी आशालता वैद्य इंकार करती हैं। माइनिंग कॉर्पोरेशन के प्रभारी महाप्रबंधक (खान) आशुतोष टेमले ने भी इस पर तत्काल में कोई जवाब न देते हुए इतना कहा कि - यदि रेत के खनन में नियमों का वायलेशन हो रहा है, नदी के प्राकृतिक स्वरुप से खिलवाड़ हो रहा है तो जिला प्रशासन को कार्रवाई करनी चाहिए। 
 

Created On :   18 Nov 2022 2:01 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story