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जिले में 1207 किसानों को अब भी धान के बदले नहीं किया गया भुगतान
डिजिटल डेस्क अनूपपुर जिले में धान उपार्जन की तिथि 20 जनवरी को समाप्त हो गई। इस वर्ष जिले में पंजीकृत 18236 किसानों में से 13 हजार 749 किसानों के द्वारा 7 लाख 25 हजार 72 क्विंटल धान बेची गई। 11 दिन बीत जाने के बाद भी किसानों के खाते में धान का भुगतान नहीं हो पाया है। वहीं दूसरी तरफ समितियों के पास अभी भी एक लाख एक हजार 830 क्विंटल धान खुले आसमान के नीचे रखी हुई है। आगामी 2 फरवरी से एक बार फिर मौसम के खराब होने की आशंका व्यक्त की जा रही है। वहीं खुले में पड़ी धान पूर्व में भी भीग गई थी जिसकी वजह से अब उसे धूप दिखाकर सुखाने का प्रयास भी समितियों के द्वारा किया जा रहा है। परिवहनकर्ता ठेकेदार के द्वारा की जा रही लापरवाही के विरुद्ध अर्थदंड भी प्रस्तावित किया गया है बावजूद इसके अब तक धान के परिवहन में गति नहीं आई है।
1207 किसानों
को भुगतान नहीं
जिले में अब तक 12 हजार 542 कृषक को ही धान के बदले भुगतान किया गया है। किसानों से अब तक हुई खरीदी में नागरिक आपूर्ति विभाग द्वारा स्वीकृत किए गए किसानों की धान में खरीदी गई मात्रा के विरुद्ध किसानों को एक अरब 40 करोड़ 66 लाख 40 हजार 91 रूपए देना है। जिसमें ऋण वसूली के बाद शुद्ध भुगतान के लिए एक अरब 32 करोड़ 98 लाख 41 हजार 760 रूपए दिया जाना है। लेकिन इनमें अब तक विभाग द्वारा किसानों को 91 करोड़ 7 लाख 85 हजार 605 रूपए ही भुगतान किए गए हैं। जिसके कारण अब भी लगभग 41 करोड़ रूपए शेष भुगतान किया जाना है। लेकिन जिस रफ्तार से किसानों से खरीदी हुई धान का परिवहन किया जा रहा है और विभाग द्वारा स्वीकृति पत्रक तैयार किए जा रहे हैं, इनमें किसानों को एक पखवाड़े का इंतजार और करना पड़ सकता है।
धान को दिखा रहे धूप
जिला मुख्यालय में ही स्मार्ट सिटी के समीप बने धान उपार्जन केंद्र में बीते सप्ताह हुई बारिश के दौरान धान की बोरियां भींग गई थी। एक साइकिल से ज्यादा बोरियों में धान अंकुरित भी हो गई थी। यही हाल जिले के अधिकांश उपार्जन केंद्रों का रहा धान को अब धूप दिखाकर अंकुरित हो चली धान का उपचार किया जा रहा है। वर्तमान में विभाग के पास यह आंकड़ा नहीं है कि कितनी बोरियां भींग कर खराब हो चुकी है। गत वर्ष भी धान के खराब होने के बाद मिलर के द्वारा उसे मिलिंग के लिए स्वीकार नहीं किया जा रहा था।
परिवहनकर्ता पर
लगेगा अर्थदंड
धान के परिवहन में हो रही देरी को देखते हुए परिवहनकर्ता ठेकेदार के विरुद्ध अर्थदंड की प्रस्तावित किया गया है। इस संबंध में प्रभारी प्रबंधक नागरिक आपूर्ति निगम ने बताया कि बीते पखवाड़े तक 5 लाख रुपए का अर्थदंड प्रस्तावित किया गया था वहीं अब यह आंकड़ा और भी बढ़ जाएगा। भुगतान के दौरान क्षेत्रीय प्रबंधक के द्वारा अर्थदंड की राशि काटकर ही परिवहन करता ठेकेदार को प्रदान की जाएगी।
इनका कहना है
धान के भुगतान और परिवहन की गति को बढ़ाने के लिए पत्र लिखा गया है परिवहनकर्ता ठेकेदार पर अर्थदंड प्रस्तावित किया गया है।
विजय डेहरिया, प्रभारी प्रबंधक
नागरिक आपूर्ति निगम अनूपपुर
Created On :   31 Jan 2022 8:29 PM IST