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Jabalpur News: हद है... जिस थोक पटाखा बाजार में आग लगी, वहाँ फायर सेफ्टी के प्रबंध ही नहीं

jabalpur News । ग्रीन सिटी के समीप कठौंदा में रविवार को पटाखे के थोक बाजार में आग लगने के मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। यहाँ पर 41 व्यापारी बिना फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के पटाखे का थोक कारोबार कर रहे थे। इसके साथ ही कठाैंदा पटाखा बाजार परिसर में नगर िनगम ने दो बोरिंग कराई है, लेकिन पाइप लाइन नहीं बिछाई। इससे बोरिंग शोपीस बनकर रह गई है।
उल्लेखनीय है कि 26 जनवरी को शाम 4.50 बजे कठौंदा के थोक पटाखा बाजार में आग लग गई थी। आग लगने से चार दुकानें जलकर खाक हो गईं। इस घटना से पूरे शहर में दहशत फैल गई थी। जानकारों का कहना है कि कठौंदा के थोक पटाखा बाजार में दुकानों के बीच में 10 फीट की जगह छोड़ी गई है, ताकि अग्नि दुर्घटना होने पर आग दूसरी दुकान तक न पहुँच सके। व्यापारियों ने दिखावे के लिए अपनी दुकानों में रेत की बाल्टी और छोटे अग्निशमन यंत्र रखे हैं। सुरक्षा के लिए पटाखा बाजार के चारों तरफ केवल बाउंड्रीवॉल बनाई गई है। किसी भी व्यापारी के पास फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं है।
कलेक्टर ने कराई थीं पटाखा दुकानें सील
हरदा में 6 फरवरी 2024 को एक पटाखा फैक्ट्री में विस्फोट होने से 12 लोगों की मौत हो गई थी। इस घटना के बाद कलेक्टर दीपक सक्सेना ने पटाखा दुकानों काे सील करा दिया था। कुछ दिन बाद अधारताल एसडीएम पुष्पेन्द्र अहाके और तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे ने नियम विरुद्ध तरीके से पटाखा दुकानों की सील खुलवा दी थी। इस मामले में 7 मार्च 2024 को एसडीएम पुष्पेन्द्र अहाके और तहसीलदार हरि सिंह धुर्वे को निलंबित कर दिया गया था।
फायर ब्रिगेड ने भी फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट के लिए लिखा था पत्र
नगर िनगम के फायर ब्रिगेड ने फरवरी 2024 में अधारताल एसडीएम को पत्र लिखकर कठौंदा के थोक पटाखा बाजार के व्यापारियों से फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट लेने के लिए कहा था। अधारताल एसडीएम ने फायर ब्रिगेड के पत्र को रद्दी की टोकरी में फेंक दिया। इसके बाद कोई कार्रवाई नहीं हुई। इस लापरवाही के कारण 26 जनवरी को बड़ी अग्नि दुर्घटना हो गई।
ये हैं फायर सेफ्टी के नियम
पटाखा बाजार में फायर सेफ्टी के लिए हर दुकान में रेत की बाल्टी के साथ छोटे अग्निशमन यंत्र होना जरूरी है। इसके साथ दुकानों में पानी की पाइप लाइन बिछी होनी चाहिए। परिसर में पानी की बोरिंग के साथ ही दुकान में चार घंटे के पानी के स्टॉक के लिए टंकी होनी चाहिए। पटाखा बाजार के चारों तरफ बाउंड्रीवॉल होनी चाहिए, ताकि आग पर तत्काल काबू पाया जा सके।
वर्जन
पटाखा बाजार की दुकानों की फायर सेफ्टी के लिए फरवरी 2024 में अधारताल एसडीएम को पत्र भेजा गया था, लेकिन अभी तक फायर सेफ्टी सर्टिफिकेट नहीं लिया गया है।
- कुशाग्र ठाकुर, फायर अधीक्षक
Created On :   28 Jan 2025 10:59 PM IST