Jabalpur News: जितने बेड का रजिस्ट्रेशन कराया भर्ती होने चाहिए बस उतने मरीज

जितने बेड का रजिस्ट्रेशन कराया भर्ती होने चाहिए बस उतने मरीज
  • पंजीयन से एक भी ज्यादा मिला तो होगी कार्रवाई
  • दो दिन तक जिले के सभी निजी नर्सिंग होम्स में बेड का होगा भौतिक सत्यापन, स्वास्थ्य विभाग ने बनाई टीम
  • शहर में जब भी मच्छर जनित रोग फैलते हैं उन हालातों में हाॅस्पिटल में बिस्तरों की संख्या कम पड़ जाती है।

Jabalpur News: निजी नर्सिंग होम्स या हाॅस्पिटल में देखा जा रहा है कि जितने बेड का पंजीयन कराया गया है उससे कहीं ज्यादा बिस्तर लगाकर मरीज हाॅस्पिटल में भर्ती िकए जा रहे हैं। कोविड काल के बाद डेंगू बुखार फैलने के वक्त हाॅस्पिटल में तय बिस्तर संख्या से ज्यादा मरीज भर्ती किए जाते हैं। इसको लेकर स्वास्थ्य विभाग हरकत में आया और अब पूरे जिले के हाॅस्पिटलों में पंजीकृत बिस्तरों का भौतिक सत्यापन किया जाएगा।

यदि पंजीकृत बिस्तर संख्या से एक भी ज्यादा बिस्तर हाॅस्पिटल में पाए गए तो उस हाॅस्पिटल पर निर्धारित शर्त के अनुसार कार्रवाई की जाएगी। बिस्तरों की भौतिक रूप से संख्या जानने के लिए मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने 60 डाॅक्टरों की टीम बनाई है, जो 159 निजी हाॅस्पिटलों का दौरा करेगी। यह टीम दो दिन के अंदर सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा कार्यालय को अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी।

इस वक्त होता है नियम का उल्लंघन

शहर में जब भी मच्छर जनित रोग फैलते हैं उन हालातों में हाॅस्पिटल में बिस्तरों की संख्या कम पड़ जाती है। ऐसी परिस्थियों में हाॅस्पिटल प्रबंधन पंजीकृत बिस्तर संख्या से ज्यादा मरीज भर्ती कर लेते हैं। इस तरह के हालातों में मरीजों का मापदण्डों के अनुसार इलाज संभव नहीं हो पाता। जिले में संचालित समस्त नर्सिंग होम्स का पंजीयन निर्धारित मापदंडों के अनुसार मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी कार्यालय द्वारा जारी किया जाता है। इसमें बेड संख्या का स्पष्ट उल्लेख हाॅस्पिटल की सूचना फलक पर करना होता है। अस्पताल वाले लेकिन इस दौरान मरीजों की संख्या नहीं बताते हैं।

शहर के 159 हाॅस्पिटल में हैं 2 हजार बेड

शहर में सभी निजी नर्सिंग होम्स में वर्तमान में 2 हजार के करीब बेड हैं। हाॅस्पिटल की संख्या 159 है जो कोविड काल के मुकाबले कम हुई है। किसी भी हाॅस्पिटल की बेड संख्या डाॅक्टरों, नर्सिंग, पैरामेडिकल स्टाफ के अनुपात के साथ पॉल्यूशन कन्ट्रोल बोर्ड की एनओसी, नगर निगम बिल्डिंग एनओसी सहित अन्य तरह के मापदण्डों से निर्धारित होती है। सभी तरह की अनुमति के बाद ही हाॅस्पिटल को मरीज भर्ती कर इलाज की अनुमति मिल पाती है।

Created On :   25 Feb 2025 5:09 PM IST

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