Jabalpur News: लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज अब भी भू-अर्जन के चक्कर में अटका

लम्हेटा केबल स्टे ब्रिज अब भी भू-अर्जन के चक्कर में अटका
  • 3 साल की प्रोसेस में 66 प्रतिशत ही निर्माण हुआ शुरुआत और अंतिम छोर में भूमि का पेंच
  • विभाग का दावा- नदी के हिस्से में हमारा वर्क प्रोग्रेस में
  • इसी हिस्से में 10 खसरे की भूमि का मामला अब तक अधिग्रहण को लेकर पेंडिंग है।

Jabalpur News: नर्मदा के ऊपर लम्हेटा से उस पार लम्हेटी गांव तक बन रहा केबल स्टे ब्रिज दावा किया जा रहा था कि वर्ष 2024 की शुरुआत माहों में चालू कर दिया जाएगा। लोक निर्माण सेतु का यह दावा अब लेकिन 2025 में भी धराशायी होता नजर आ रहा है। इस केबल स्टे ब्रिज का वर्क शुरुआती और अंतिम छोर में लंबे समय से अटका हुआ है। इसकी वजह यह है कि जिस हिस्से से यह केबल स्टे ब्रिज शुरू हो रहा है वहां पर 8 परिसंपत्तियों का भूअर्जन नहीं हो सका है।

इसी तरह इसी हिस्से में 10 खसरे की भूमि का मामला अब तक अधिग्रहण को लेकर पेंडिंग है। नर्मदा के उस पार यानी अंतिम छोर में लम्हेटी गांव की ओर 7 मामले भूअर्जन के निपटाये नहीं जो सके हैं जिससे इस ब्रिज का काम गति नहीं पकड़ पा रहा है। लोक निर्माण सेतु का कहना है कि विभाग ने इस ब्रिज को पूरा करने का टारगेट अब नवंबर 2025 रखा है। राजस्व विभाग से भूमि का अधिग्रहण होने पर कुछ माह के अंदर दोनों हिस्सों में वर्क को पूरा कर दिया जाएगा। इसके लिए जिला प्रशासन से कागजी कार्रवाई की जा रही है।

इस ब्रिज के बनने से ये लाभ

लम्हेटा से लम्हेटी गांव तक बन रहा केबल स्टे ब्रिज नर्मदा के मनोरम हिस्से की ओर निर्मित किया जा रहा है। इसी हिस्से में नर्मदा के बहते जल के साथ सवा लाख साल पुराने जलोदर हैं। ब्रिज के बनने से लम्हेटा से उस पार आसानी से पहुंचा जा सकेगा। अभी जो पर्यटक भेड़ाघाट के जाते हैं वे उस ओर आसानी से नहीं जा पाते हैं। उस हिस्से में जाने के लिए या तो रोप वे या तिलवारा, नानाखेड़ा गांव की ओर से जाना पड़ता है। ब्रिज बनने से लंबा घेरा नहीं लगाना पड़ेगा, साथ ही पर्यटकों को आने-जाने में आसानी होगी।

इस शर्त के साथ करना है निर्माण

नर्मदा के ऊपर इस केबल स्टे ब्रिज का निर्माण इस शर्त के अनुसार किया जाना है कि इसमें किसी भी तरह से बहते हुये जल को रोका नहीं जाएगा। नर्मदा के नैसर्गिक बहाव और सीपेज को छेड़े बिना इस पर निर्माण कार्य करना है। इसमें बीच में 32 मीटर के दो मुख्य पिलर हैं तो कुल लंबाई में 20 अलग-अलग तरह से पिलरों का निर्माण किया जा रहा है।

ऐसा बन रहा ब्रिज

इसकी कुल लागत 177 करोड़ रुपए है।

बीते 3 सालों से निर्माण किया जा रहा।

6 साल पहले स्वीकृत किया गया था।

पहले इसकी लंबाई 492 मीटर निर्धारित थी।

इसके बाद इसकी लंबाई को 749 मीटर किया गया।

बजट पहले 89 करोड़ था जो बीते साल 177 किया गया।

Created On :   17 Feb 2025 6:50 PM IST

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