Jabalpur News: एकजुटता की हुँकार, बांग्लादेश में हिन्दुओं पर बंद हो अत्याचार

एकजुटता की हुँकार, बांग्लादेश में हिन्दुओं पर बंद हो अत्याचार
  • मालवीय चौक से निकाली गई रैली, हुआ प्रदर्शन, संतों, वक्ताओं ने हालातों पर किए तीखे प्रहार
  • कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपति के नाम का एक मार्मिक ज्ञापन भी कलेक्टर को सौंपा गया।
  • भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए

Jabalpur News: बांग्लादेश में हिन्दू महिला-पुरुषों के साथ की जा रही अमानवीयता पूरे विश्व में चर्चा व चिंतन का विषय बन गई है। वहाँ पर हिन्दुओं के साथ किए जा रहे पैशाचिक बर्ताव से भारतीय समाज व्यथित और विचलित है। बुधवार को सनातन चेतना मंच के संयाेजन में निकाली गई रैली में इस बात की चिंता साफ नजर आई।

बैनर-पोस्टर लिए संतों, जनप्रतिनिधियों, व्यापारिक, सामाजिक संगठनों के लोगों और आम महिला-पुरुषों ने भी बांग्लादेशी हिन्दुओं की सुरक्षा के लिए गुहार लगाई। मालवीय चौक पर नारेबाजी के साथ प्रदर्शन भी किया गया। अंत में कलेक्ट्रेट में राष्ट्रपति के नाम का एक मार्मिक ज्ञापन भी कलेक्टर को सौंपा गया।

विभिन्न संगठनों ने दिया समर्थन रखे विचार- जगद्गुरू राघवदेवाचार्य, डॉ. स्वामी मुकुंददास, दादा पगलानंद, साध्वी ज्ञानेश्वरी दीदी, मैत्री दीदी, स्वामी राधे चैतन्य, स्वामी अशोकानंद, पं. रोहित दुबे, डॉ. कैलाश गुप्ता, डॉ. प्रदीप दुबे सहित अन्य संत मंचासीन रहे। इस्काॅन के डॉ. सिद्धार्थ सिंह, डॉ. स्वामी नरसिंहदास, राजीव लोचन महाराज, सिख संगत हरेन्द्रजीत मोखा ने आमसभा को संबोधित किया।

कार्यक्रम का संचालन डाॅ. पवन स्थापक ने किया। प्रदर्शन में महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, विधायक इंदु तिवारी, अशोक रोहाणी, डॉ. अभिलाष पाण्डेय, सीए अखिलेश जैन, प्रभात साहू, ननि अध्यक्ष रिकुंज विज, शरद अग्रवाल, योगेन्द्र दुबे सहित हजारों की संख्या में तख्तियाँ लेकर शामिल हुए। वहीं श्री सनातन धर्मसभा के अध्यक्ष श्याम साहनी, गुलशन मखीजा, अंजू भार्गव, लोकराम कोरी, प्रवेश खेड़ा, विष्णु पटेल, विध्येश भापकर ने प्रदर्शन का समर्थन किया। इसी तरह हिन्दू धर्मसेना के प्रदेश अध्यक्ष योगेश अग्रवाल, प्रदेश संयोजक अर्पित सिंह ठाकुर व हिन्दू सेवा परिषद के अतुल जैसवानी भी समर्थकों के साथ प्रदर्शन किया।

प्रदर्शन के दौरान रखीं माँगें

भारत सरकार द्वारा बांग्लादेश सरकार पर दबाव डाला जाए, ताकि वहाँ अल्पसंख्यक समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित हो सके और धार्मिक स्वतंत्रता को कायम रखा जा सके।

संयुक्त राष्ट्र और अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठनों के माध्यम से बांग्लादेश सरकार को इन अत्याचारों के लिए जवाबदेह ठहराया जाए। इस गंभीर मुद्दे की ओर आकर्षित किया जाए।

अल्पसंख्यकों पर हो रहे अत्याचारों की निष्पक्ष और स्वतंत्र जाँच कराई जाए और दोषियों को कड़ी सजा दी जाए, ताकि इस प्रकार के अपराधों की पुनरावृत्ति न हो।

बांग्लादेश के राष्ट्रपति का वापस हो नोबेल पुरस्कार

ब्रह्मऋषि मिशन समिति और विद्वत परिषद महाकौशल प्रांत के डॉ. अखिलेश गुमास्ता ने स्टॉकहोम स्वीडन मेल कर नोबेल पुरस्कार समिति से आग्रह किया है कि बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद यूनुस का नोबेल पुरस्कार वापस लिया जाए। वर्ल्ड रामायण कॉन्फ्रेंस के विश्व भर के फैकल्टी तथा विद्वान भी ऐसी अपील सक्षम समिति से पत्र द्वारा कर रहे हैं, क्योंकि कई वीडियोज में बांग्लादेश के राष्ट्रपति आतंकवादियों का साथ प्रत्यक्ष रूप से देते हुए दिखाई दे रहे हैं।

Created On :   5 Dec 2024 5:47 PM IST

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