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Jabalpur News: आधा किमी की 8 फीट चौड़ी सड़क बनाने से नहीं रुक सकती घरों में घुस रही धूल
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- कछपुरा मालगोदाम के समीप बनी काॅलोनियाें के आसपास से ओवर लोड वाहन निकलने से बढ़ रहीं मुश्किलें
- पक्की सड़क और वाॅटर कर्टेन से ही मिलेगी मुक्ति, समस्या का स्थाई हल जरूरी
- ओवर लोड वाहनों की आवाजाही होने से धूल तो उड़ रही है, साथ ही हर वक्त दुर्घटनाओं की भी संभावना बनी रहती है।
Jabalpur News: कछपुरा मालगोदाम के समीप रेलवे द्वारा भले ही दो माह पहले आधा किमी लंबी करीब 8 फीट चौड़ी सड़क का निर्माण कराया गया है मगर इस सड़क के सहारे काॅलोनियों में जा रही धूल को रोका नहीं जा सकता है। यह सड़क जिस स्थान पर बनाई गई है उसके बाजू में ही रेलवे का खुला मैदान है जिस पर दिन भर भारी वाहनों की आवाजाही होती है जिससे उड़ती धूल लाेगों के घरों तक पहुंच रही है।
यहां दिन भर ओवर लोड वाहनों की आवाजाही होने से धूल तो उड़ रही है, साथ ही हर वक्त दुर्घटनाओं की भी संभावना बनी रहती है। यहां के लोगोें का कहना है कि इस साइडिंग से उड़ती धूल को घरों में घुसने से रोकने के लिए वाॅटर कर्टेन लगाना जरूरी है। अगर इसे नहीं लगाया जा सकता है तो पूरे में पक्की सड़क का निर्माण कराया जाना चाहिए, इसके अलावा खुले क्षेत्र का सीमेंटीकरण कराने से भी समस्या से निजात पाई जा सकती है।
रेलवे के कछपुरा मालगोदाम में दिन भर वाहनों की आवाजाही से आसपास की आधा दर्जन काॅलोनियों के निवासियों का जीना दुश्वार हो रहा है। यहां रहने वाले लोगों का कहना है कि भले ही दो माह पूर्व रेलवे ने एक छोटी सी सड़क का निर्माण करा दिया है मगर यह सड़क धूल के गुबार को रोकने काफी नहीं है। इससे तो मुश्किल और बढ़ गई है। इस सड़क पर अगर एक चार पहिया वाहन आ जाए तो फिर सामने से दूसरा वाहन नहीं निकल सकता है। एक वाहन के आने से जाम की स्थिति अलग बन रही है। पहले से ही धूल की समस्या से यहां के बाशिंदे परेशान हैं और अब यहां जाम की स्थिति निर्मित होने लगी है।
हर वक्त बन रही है दुर्घटना की संभावना
लोगों का कहना है, कि संकरी सड़क से वाहनों की लगातार आवाजाही नहीं हो पाती है, इसके अलावा पूरे क्षेत्र में उड़ती धूल के कारण कई बार तो वाहनों के टकराने की संभावना बन जाती है। यहां जब तक धूल के गुबार को रोकने पानी का पर्दा नहीं लगाया जाता, तब तक इस समस्या से निजात मिलना मुश्किल है। रेलवे के वश में अगर वाॅटर कर्टेन लगाना नहीं है तो कम से कम जिस स्थान से धूल उड़ रही है वहां पक्की सड़क तो बनाई जा सकती है।
एनजीटी में ले जाएंगे पूरा मामला
इस संबंध में नागरिक उपभोक्ता मार्गदर्शक मंच के डाॅ. पीजी नाजपांडे का कहना है कि यह काफी गंभीर मामला है। रेलवे की इस साइडिंग से यहां रहने वाले करीब 8 से 10 हजार लोगों को परेशानी हाे रही है। साइडिंग से उड़ती धूल लोगों के घरों तक पहुंच रही है। इस मामले को नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (एनजीटी) में ले जाएंगे, ताकि यहां के लोगों को धूल के गुबार से निजात मिल सके।
रेलवे के अधिकारी सुन ही नहीं रहे
धूल से काॅलोनीवासी लंबे समय से परेशान हैं, इसकी शिकायत कई बार रेलवे अधिकारियों से की गई मगर कोई सुनवाई नहीं हो रही है। जब तक वाॅटर कर्टेन नहीं लगता या फिर पक्की सड़क नहीं बनाते तब तक समस्या बनी रहेगी।
रितिक पटेल, क्षेत्रीय नागरिक
मुंह ढंककर निकलना पड़ रहा है
यहां उड़ रही धूल के कारण लोगों को घर से निकलते वक्त मुंह में कपड़ा ढंकना पड़ रहा है। खासकर जिस वक्त कछपुरा मालगोदाम की ओर से गुजरते हैं उस वक्त धूल से मुंह छिपाना पड़ रहा है।
शैलेंद्र ठाकुर, क्षेत्रीय नागरिक
छोटी सड़क बन रही समस्या
रेलवे ने काॅलोनी के बाजू से एक छोटी सी सड़क बना दी है, यह सड़क समस्या का समाधान नहीं है, इस सड़क से एक साथ दो वाहन तक नहीं गुुजर सकते हैं। धूल से निजात दिलाने के लिए पूरे में कांक्रीट होना जरूरी है।
अजय तिवारी, क्षेत्रीय नागरिक
पानी की बौछार तक नहीं
यहां के हालात इतने बुरे हैं कि रेलवे प्रशासन धूल के गुबार को रोकने पानी का छिड़काव तक नहीं करा रहा है, जिससे धूल की समस्या लगातार बनी हुई है। वाॅटर कर्टेन से इस समस्या से मुक्ति मिल सकती है।
विनोद पोद्दार, क्षेत्रीय नागरिक
Created On :   20 Feb 2025 6:08 PM IST