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जबलपुर: अचानक कैसे घटी कोयले की खपत, कठघरे में पूरा सिस्टम
- खंडवा की सिंगाजी विद्युत उत्पादन इकाई का मामला
- 140 ग्राम प्रति यूनिट का मिला अंतर
- 37021 टन कोयले की खपत हुई और चार करोड़ 93 लाख 19 हजार की बिजली का उत्पादन हुआ
डिजिटल डेस्क,जबलपुर। शायद ये पहला मौका है, जब बिजली विभाग के अधिकारी बिजली उत्पादन में कोयले की खपत घटने से हैरान हैं। हालांकि, सूत्र कुछ और कहानी बयाँ कर रहे हैं, जिससे सवाल पैदा हो रहे हैं।
कोयला वही है, मशीन वही है और पूरी प्रक्रिया भी वही है, फिर कोयले की खपत घटना आश्चर्य पैदा कर रहा है। जानकारी के अनुसार प्रदेश की बिजली उत्पादन करने वाली यूनिटों में पिछले 10 दिन में प्रति यूनिट के निर्माण में कोयला की खपत में अंतर काे देख अफसर हैरान हैं।
श्री सिंगाजी खंडवा की इकाई में ऐसा ही हुआ है। यहाँ 23 जनवरी को जहाँ एक यूनिट बनाने में 750 ग्राम कोयला लगा, वहीं दो फरवरी को एक यूनिट बनाने में 610 ग्राम कोयला लगा।
यह सभी आँकड़े यूनिट की ओर से कंपनी प्रबंधन को दिए गए, जिनमें 140 ग्राम कोयले का प्रति यूनिट अंतर मिला है। बताया जाता है कि कोयला पहले जहाँ से आ रहा था, वहीं से आ रहा है। फिर ऐसा अंतर क्यों आया, इसको लेकर सवाल उठ रहे हैं।
श्री सिंगाजी तापगृह में बिजली उत्पादन में जले कोयले की खपत के आँकड़ों को देखें तो करीब दस करोड़ रुपये की कीमत का कोयला जला। 23 जनवरी को श्री सिंगाजी ताप गृह में 37021 टन कोयले की खपत हुई और चार करोड़ 93 लाख 19 हजार की बिजली का उत्पादन हुआ।
जानकारी के अनुसार इसको लेकर ऊर्जा विभाग ने पाॅवर जनरेटिंग कंपनी के अफसरों की समीक्षा बैठक भोपाल में बुलाई है।
आज तय होगी जिम्मेदारी
बताया जाता है कि सोमवार को ऊर्जा मंत्री भी बैठक लेंगे। बैठक में 500 मेगावाॅट संजय गाँधी थर्मल पाॅवर प्लांट की इकाई का जनरेटिंग ट्रांसफाॅर्मर 18 जनवरी को जल गया था।
इसके अलावा 35 करोड़ रुपये की लागत का स्टेकर रिक्लेमर जो गिरकर धाराशायी हो गया था, उसके संदर्भ में जिम्मेदारी तय करने पर निर्णय लिया जाएगा।
इसके अलावा श्री सिंगाजी थर्मल पाॅवर प्रोजेक्ट खंडवा से पिछले दिनों 44 कोल सैम्पल चोरी हो गए हैं, इसके बारे में भी पूछताछ होगी।
लंबे समय से जमे प्लांट में इंजीनियर
संजय गाँधी ताप विद्युत गृह बिरसिंहपुर में कई अभियंता तीन दशक से पदस्थ हैं। कुछ की नौकरी यहीं से प्रारंभ हुई और अब सेवानिवृत्ति की कगार पर पहुँच चुके हैं।
बताया जाता है कि रविवार को संजय गाँधी ताप विद्युत गृह की चार नंबर इकाई 210 मेगावाॅट तकनीकी खराबी की वजह से बंद हो गई। ताप गृह में 1340 मेगावाॅट की कुल क्षमता है, जबकि उत्पादन महज 540 मेगावाॅट ही हो रहा है।
सिस्टम को लगातार अपडेट किया जा रहा है। सुधार का काम जारी है। बिजली लागत में खर्च कम करने की कोशिश की जा रही है। बीच में जरूर कुछ चीजें हुई हैं। आगे इन सबका ध्यान रखा जाएगा।
-मनु श्रीवास्तव, अपर मुख्य सचिव, ऊर्जा
Created On :   5 Feb 2024 6:38 PM IST