Beed News: मांजरा जलाशय फिर से हुआ ओवरफ्लो, छह गेट खोले और नदी में छोड़ा गया पानी

मांजरा जलाशय फिर से हुआ ओवरफ्लो, छह गेट खोले और नदी में छोड़ा गया पानी
  • छह गेट खोले गए और नदी में 5 हजार 241 क्यूसेक पानी छोड़ा
  • क्षेत्र में भारी बारिश के कारण पानी का प्रवाह काफी बढ़ गया
  • सत्रहवीं बार हुआ ओवरफ्लो

Beed News : क्षेत्र में भारी बारिश के कारण पानी का प्रवाह काफी बढ़ गया है और केज तहसील के धनेगांव स्थित मांजरा जलाशय ओवर फ्लो हुआ। जहां से लातूर, धाराशिव और बीड इन तीन जिलों की जीवन रेखा कहा जाता है। लगातार बारिश को देखते हुए 27 सिंतबर शुक्रवार सुबह जलाशय के कुल छह गेट 0.25 मीटर खोल दिए गए। जलाशय के शाखा अधिकारी सूरज निकम ने बताया कि मांजरा नदी बेसिन में 5 हजार 241 क्यूसेक (148.44) पानी छोड़ा गया है। जानकारी के अनुसार मांजरा परियोजना का निर्माण 1980 में मांजरा नदी पर कलंब में धनेगांव और कलंब में केज तहसील के तट पर किया गया था, जो तीन जिलों की जीवन रेखा है। इसके बाद इस परियोजना को पहली बार 1980-81 सीज़न में जल भंडारण मिला। यह 97 दलघमी था। इसके बाद अगले 44 वर्षों के दौरान यह परियोजना धाराशिव जिले के कलंब, बीड जिले के केज, अंबाजोगाई और लातूर जिले के लातूर और रेणापुर तहसील में हजारों हेक्टेयर कृषि के लिए वरदान बन गई। इसके अलावा इसे लातूर शहर, लातूर इंडस्ट्रियल एस्टेट, कलंब, केज, अंबाजोगाई, धारुर, मुरुड समेत सैकड़ों गांवों की पानी की समस्या को हल करने वाली परियोजना के तौर पर देखा जा रहा है।

सत्रहवीं बार हुआ ओवरफ्लो

जलाशय लगातार तीन साल यानी 2020, 2021 और 2022 तक भरा रहा। फिर पिछले साल 2023 में बारिश की कमी के कारण जलाशय में सिर्फ 29 फीसदी पानी जमा हुआ था। अब 2024 में एक साल के ब्रेक के बाद जलाशय ओवरफ्लो हो गया है। 23 और 24 सितंबर को जलग्रहण क्षेत्र में बारिश जारी रही।इससे 85 फीसदी से अधिक का जल भंडारण 95 फीसदी तक पहुंच गया और बुधवार दोपहर करीब 12 बजे प्रोजेक्ट बैग भर गया।इसके 44 साल के इतिहास में यह सत्रहवीं बार है कि यह पूरी क्षमता से भर गया है।


Created On :   27 Sept 2024 8:05 PM IST

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