सीतारमण बोली- भारत की आर्थिक वृद्धि में गिरावट, लेकिन अभी भी तेजी से बढ़ती इकोनॉमी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार ने सोमवार को कहा कि भारत की आर्थिक वृद्धि में गिरावट आई है, लेकिन अभी भी G-20 देशों के बीच सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था बनी हुई है और कोई मंदी नहीं है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने लोकसभा में एक लिखित जवाब में ये जानकारी दी। वित्त मंत्री ने कहा कि 2014-19 में औसत विकास दर 7.5 प्रतिशत थी, जो G-20 देशों में सबसे अधिक है।
वित्त और कॉरपोरेट मामलों के राज्य मंत्री अनुराग ठाकुर ने मेंबरों के सवालों का जवाब देते हुए कहा कि करदाताओं की संख्या विमुद्रीकरण के बाद लगभग दोगुनी हो गई। वहीं उन्होंने कहा कि पांच प्रतिशत (विकास दर) मंदी नहीं है। अनुराग ठाकुर ने कहा कि दुनिया भर में आर्थिक विकास धीमा है, लेकिन भारत सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में से एक होगा। उन्होंने कहा कि 2025 तक 5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था का लक्ष्य हासिल किया जाएगा।
बता दें कि इकोनॉमी को बूस्ट करने के लिए सरकार तमाम तरह के कदम उठा रही है। सरकार ने घरेलू कंपनियों के लिए कॉर्पोरेट टैक्स की दर को मौजूदा 30 प्रतिशत से घटाकर 22 प्रतिशत (सेस और सरचार्ज को मिलाकर) कर दिया था। इतना ही नहीं नई घरेलू कंपनी जिसका गठन 01 अक्टूबर, 2019 को या इसके बाद होगा और 31 मार्च, 2023 से पहले अपना परिचालन शुरू करती है, तो उन्हें 15 प्रतिशत की दर से इनकम टैक्स भुगतान करने का विकल्प मिलेगा।
सेस और सरचार्ज को मिलाकर नई कंपनियों के लिए प्रभावी इनकम टैक्स दर 17.01 प्रतिशत होगी। वर्तमान में नई कंपनियों के लिए टैक्स की दर 25 प्रतिशत है और प्रभावी दर 29.12 प्रतिशत है। इसे 1 अप्रैल 2019 से प्रभावी माना जाएगा। सरकार ने अध्यादेश के आयकर कानून में बदलाव किया है।
इंडियन इकोनॉमी के स्लोडाउन को लेकर वित्तमंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा था कि यह कहना जल्दबाजी होगा कि इकोनॉमी का स्लोडाउन बॉटम आउट हो गया है और क्विक रिकवरी आएगी। उन्होंने कहा, "20 बिलियन डॉलर के कॉर्पोरेट टैक्स में कटौती के ऐलान के बाद कंपनियां नए निवेश की योजना बना रही है। वास्तविक निवेश में कुछ समय लग सकता है।"
Created On :   18 Nov 2019 5:45 PM GMT