Real Estate: नोएडा अथॉरिटी का निरीक्षण, कहा- बिना STP वाली हाई राइज सोसाइटियों पर लगेगी पेनाल्टी
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। नोएडा में कई हाई-राइज सोसाइटियों में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांटों की कमी है, जबकि कुछ सोसाइटियों में स्थापित प्लांट नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल के दिशानिर्देशों के अनुसार काम नहीं कर रहे हैं। अधिकारियों ने रविवार को ये बात कही। जल प्रदूषण के संबंध में नेशनल ग्रीन ट्रिब्यूनल (NGT) के आदेश का कितना पालन किया गया इसका निरीक्षण करने के लिए अधिकारी पहुंचे थे। अब नियमों का उल्लंघन करने वाले बिल्डरों पर कार्रवाई करने की बात अधिकारियों ने कहा ही।
33 हाई-राइज सोसाइटियों में से अधिकांश सेक्टर 7x क्षेत्र में स्थित हैं (शहर के सेक्टर 74 से 79 में सोसाइटियों का उल्लेख करते हुए) और सेक्टर 137, जहां नोएडा प्राधिकरण ने 2 और 8 अगस्त को निरीक्षण किया था। अथॉरिटी ने एक बयान में कहा, निरीक्षण के दौरान, यह पाया गया कि ज्यादातर सोसाइटियों ने सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) का निर्माण नहीं किया है। इनमें सेक्टर 76 की स्काईटेक मैट्रॉट, आम्रपाली सिलिकॉन, सेक्टर 78 की असोटेक विंडसर कोर्ट, सिक्का कर्मी और आदित्य अर्बन कासा प्रमुख हैं।
बयान में कहा गया, "कुछ सोसाइटियां जिनके पास एसटीपी हैं, वे कार्यात्मक हैं, लेकिन एनजीटी के दिशा-निर्देशों के अनुसार नहीं हैं। ऐसे सोसाइटियों में प्रमुख हैं सेक्टर 75 में स्थित सुपरटेक कैपिटाउन, अंतरिक्ष गोल्फव्यू- II, सनशाइन हाइट्स, एआईएमएस मैक्स गार्डेनिया, जीएच - 08। इसके अलावा सेक्टर 137 में स्थित मैक्स वैलिस, पारस टिएरा, ब्लॉसम काउंटी, अजनारा होम, और अंतरिक्ष फॉरेस्ट है।
अथॉरिटी ने कहा कि उत्तर प्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड और एनजीटी को जल संरक्षण अधिनियम, 1976 के तहत संबंधित बिल्डरों के खिलाफ कार्रवाई के लिए एक रिपोर्ट पेश की जा रही है। उन्होंने कहा, नियमों का उल्लंघन करने वालों के खिलाफ जुर्माने की राशि की गणना की जाएगी और उन्हें नोटिस भेजे जाएंगे। इस तरह के निरीक्षण भविष्य में भी जारी रहेंगे।
Created On :   11 Aug 2020 12:03 AM IST