देश की आर्थिक हालत बिगड़ी, दूसरे क्वार्टर में जीडीपी घटकर 4.5% हुई
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। देश की आर्थिक हालत बिगड़ती हुई दिखाई दे रही है। चालू वित्त वर्ष 2020 की दूसरी तिमाही (जुलाई-सितंबर) में सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) घटकर 4.5% हो गई है। पिछले तिमाही में आर्थिक विकास दर 5 फीसदी रही थी। जबकि पिछले वित्त वर्ष 2019 की इसी तिमाही में जीडीपी 6.9% थी। साढ़े छह साल में ये इकोनॉमी की सबसे धीमी गति है। केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय ने शुक्रवार को ये आंकड़े जारी किए।
आखिरी बार जीडीपी ग्रोथ 5 प्रतिशत से नीचे वित्त वर्ष 2014 की मार्च तिमाही में थी, जब यह गिरकर 4.3 प्रतिशत पर आ गई थी। इसके अलावा, ऐतिहासिक आंकड़ों से पता चलता है कि जीडीपी ग्रोथ पिछले छह तिमाहियों से लगातार गिरावट पर है। आखिरी क्वार्टर जिसमें इकोनॉमिक ग्रोथ में तेजी देखी गई थी वह वित्त वर्ष 19 का मार्च क्वार्टर था।
देश के ऑटोमोबाइल समेत अन्य सेक्टर में सुस्ती का दौर देखने को मिल रहा है। ऑटो सेक्टर में प्रोडक्शन और सेल्स में लगातार गिरावट आ रही है। वहीं लाखों लोगों की नौकरियां जा चुकी हैं। इसी तरह एफएमसीजी और टेक्सटाइल सेक्टर भी मंदी जैसे हालात से गुजर रहे हैं। जीडीपी के गिरने का शेयर बाजार पर बुरा असर पड़ सकता है। इसके अलावा जीडीपी के घटने से उत्पादन घटेगा और रोजगार पर बुरा असर पड़ेगा। कृषि क्षेत्र में भी संकट बढ़ सकता है।
विभिन्न सेक्टर्स की हालत (YoY)
-मैन्युफैक्चरिंग सेक्टर की ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 6.9% से घटकर -1% हो गई
-फार्म सेक्टर की ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 4.9% से घटकर 2.1% हो गई
-इलेक्ट्रिसिटी सेक्टर की ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 8.7% से घटकर 3.6% हो गई
-कंस्ट्रक्शन सेक्टर की ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 8.5% से घटकर 3.3% हो गई
-ट्रेड और होटल सेक्टर की ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 6.9% से घटकर 4.8% हो गई
-फाइनेंशियल और रियल एस्टेट सेक्टर की ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 7% से घटकर 5.8% हो गई
-इंडस्ट्री ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 6.7% से घटकर 0.5% हो गई
-सर्विस ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 7.3% से घटकर 6.8% हो गई
-माइनिंग सेक्टर की ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर -2.2% से बढ़कर 0.1% हो गई
-पब्लिक एडमिन और डिफेंस की ग्रोथ साल-दर-साल आधार पर 8.6% से बढ़कर 11.6% हो गई
वित्त मंत्री ने स्वीकारा, भारतीय अर्थव्यवस्था हुई धीमी
इस बीच, सरकार भी स्वीकार कर रही है कि अर्थव्यवस्था धीमी हुई है। बुधवार को राज्यसभा में बोलते हुए, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने स्वीकार किया था कि आर्थिक विकास में कमी आई है, लेकिन साथ ही उन्होंने यह भी स्पष्ट किया था कि देश में मंदी का कोई खतरा नहीं है। इस दौरान सीतारमण ने 2009 से 2014 तक कांग्रेस के नेतृत्व वाले यूपीए-2 शासन और भाजपा के 2014 से 2019 के पहले कार्यकाल की तुलना की। सीतारमण ने कहा कि बीजेपी के कार्यकाल के दौरान महंगाई दर कम रही और ग्रोथ रेट ज्यादा।
रेटिंग एजेंसियों ने घटाया GDP अनुमान
हाल ही में इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च प्राइवेट लिमिटेड ने भी भारत की सालाना जीडीपी ग्रोथ का अनुमान 7.3 फीसदी से घटाकर 6.7 फीसदी कर दिया था। वहीं क्रेडिट रेटिंग एजेंसी मूडीज ने साल 2019 के लिए भारत का जीडीपी ग्रोथ 6.2 फीसदी रहने का अनुमान जताया है। इससे पहले जापान की ब्रोकरेज कंपनी नोमुरा ने कहा था कि सर्विस सेक्टर में सुस्ती, कम निवेश और खपत में गिरावट से भारत की जीडीपी सुस्त हुई है। नोमुरा की रिपोर्ट के मुताबिक उपभोक्ताओं का विश्वास कम हो रहा है और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश में गिरावट आई है।
Created On :   29 Nov 2019 4:51 PM IST