रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच कच्चे तेल की कीमतों में उबाल

Crude oil prices rise amid rising tensions in Russia and Ukraine
रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच कच्चे तेल की कीमतों में उबाल
अंतरराष्ट्रीय बाजार रूस और यूक्रेन में बढ़ते तनाव के बीच कच्चे तेल की कीमतों में उबाल
हाईलाइट
  • यूक्रेेन पर रूसी आक्रमण के खतरे को देखते हुए कीमतों में पिछले सात वर्षो में उच्च बढ़ोत्तरी देखी गई है

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ते तनाव से अंतरराष्ट्रीय बाजार में कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोत्तरी होने से यह लगभग 95 डालर प्रति बैरल तक हो गई है जिससे अर्थव्यवस्था पर एक बार फिर मंहगाई का दबाव बढ़ सकता है। यूक्रेन पर रूसी आक्रमण के खतरे को देखते हुए कीमतों में पिछले सात वर्षो में उच्च बढ़ोत्तरी देखी गई है जिससे मंहगाई दरों में इजाफा होने से इनकार नहीं किया जा सकता है।

एक शीर्ष ऊर्जा उत्पादक समूह ने कच्चे तेल की आपूर्ति में कमी रहने से इन चिंताओं को और बढ़ा दिया है। यह रूख भारत के लिए काफी महत्वपूर्ण है क्योंकि वह अपनी कच्चे तेल संबंधी आवश्यकताओं पर विदेशी आयात पर अधिक निर्भर है। अंतरराष्ट्रीय बाजार में इसकी कीमतों में इजाफा होने से देश में घरेलू बाजार में तेल कीमतों में बढ़ोत्तरी होने से इसका मंहगाई पर सीधा असर पड़ेगा।

इसी तनाव के परिणामस्वरूप ब्रेंट की कीमतें सोमवार को बढ़कर 95 डालर प्रति बैरल हो गई और एनवाईमैक्स डब्ल्यूटीआई कच्चे तेल की कीमतें पिछले सात वर्षों में सबसे अधिक लगभग 94 डालर प्रति बैरल तक पहुंच गई है। एचडीएफसी सिक्योरिटीज के वरिष्ठ विश्लेषक (कमोडिटीज) तपन पटेल ने कहा, रूस के यूक्रेन पर आक्रमण की आशंकाओं के चलते कच्चे तेल की तेज खरीदारी देखी गई । इस तरह का हमला अमेरिकी और यूरोपीय प्रतिबंधों को बढ़ा सकता है, जिससे रूसी निर्यात बाधित हो सकता है।

कच्चे तेल की कीमतें कम आपूर्ति के कारण भी बढ़ रही हैं क्योंकि पेट्रोलियम उत्पादक देशों के उत्पादन और इसके लक्ष्य के बीच का अंतर जनवरी 2022 में बढ़कर 900,000 बीपीडी हो गया। कैपिटल वाया ग्लोबल रिसर्च के कमोडिटीज एंड करेंसीज प्रमुख क्षितिज पुरोहित के अनुसार कच्चे तेल की मांग कीमतों के लिए एक महत्वपूर्ण कारक है और ऐसा होने तक बाजार में वृद्धि जारी रहने की संभावना है।अमेरिका ने रविवार को आगाह किया कि रूस किसी भी समय यूक्रेन पर आक्रमण कर सकता है और नाटो क्षेत्र के हर इंच की रक्षा करने की अपनी प्रतिबद्धता को दोहराते हुएआक्रमण का बहाना भी बना सकता है।

आईआईएफएल सिक्योरिटीज के उपाध्यक्ष ,शोध अनुज गुप्ता, ने कहा हम बहुत जल्द कीमतें 100 डालर प्रति बैरल तक जाने की उम्मीद कर रहे हैं। रूस-यूक्रेन मुद्दा मूल्य वृद्धि के मुख्य मुद्दे के रूप में काम करता है। हालांकि कम आपूर्ति भी कीमतों को बढ़ावा प्रदान करती है। नवनीत दमानी, वरिष्ठ उपाध्यक्ष -कमोडिटी एंड करेंसी रिसर्च, मोतीलाल ओसवाल फाइनेंशियल सर्विसेज का कहना है कि सप्ताह के दौरान अधिक स्पष्टता होगी और ऊर्जा क्षेत्र के लिए अस्थिरता बढ़ सकती है। रूस और यूक्रेन के बीच बढ़ती अनिश्चितता से कच्चे तेल की कीमतें निचले स्तर पर बनी रहने की उम्मीद है।

आईएएनएस

Created On :   14 Feb 2022 5:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story