Lockdown: 40 दिन से बंद थी शराब की दुकानें, 8 लाख लीटर बीयर नालों में बहाना पड़ सकता है
डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। आज यानी 4 मई से लॉकडाउन के तीसरे चरण की शुरुआत हो गई है। तीसरे चरण में शराब और पान-मसाले की दुकानों को तीनों जोन में खोलने की इजाजत है, लेकिन बीयर बार और क्लब इस छूट से दूर हैं। ऐसे में बीयर बनाने वाली 250 छोटी इकाइयों के समक्ष करीब आठ लाख लीटर ताजी बीयर के बर्बाद होने का जोखिम खड़ा हो गया है। इसके अलावा उत्तरी राज्यों में 700 करोड़ रुपये लागत की तैयार अंग्रेजी शराब की खेप अटक गई है। एक मीडिया रिपोर्ट में इसका दावा किया गया है।
रिपोर्ट के मुताबिक, शराब उद्योग के जानकार बताते हैं कि बोतल बंद बीयर की तुलना में ताजी बीयर जल्दी खराब होती है। इस कारण लॉकडाउन के बढ़ने से इनके खराब होने का खतरा बढ़ गया है। इसके साथ ही नये वित्त वर्ष के शुरू हो जाने से दिल्ली को छोड़ अन्य उत्तरी राज्यों में 700 करोड़ रुपये मूल्य की भारत निर्मित अंग्रेजी शराब (IMFL) की करीब 12 लाख बोतलें अटक गई हैं।
लॉकडाउन की पाबंदियों के कारण इन्हें बेच पाना संभव नहीं है। ऐसे में संबंधित राज्यों से इन्हें बेचने के लिये मंजूरियों की जरूरत है। क्राफ्ट ब्रेवर्स असोसिएशन ऑफ इंडिया के अनुसार, लॉकडाउन के कारण देश भर में लगभग आठ लाख लीटर ताजी बीयर के भंडारण वाले सभी संयंत्र बंद पड़े हैं और अगर जल्द से जल्द कोई समाधान नहीं निकलता है, तो इन्हें भी नालियों में बहाना पड़ जायेगा। असोसिएशन ने मांग की है कि बीयर उत्पादकों को टेक-अवे सुविधा शुरू करने की अनुमति दी जानी चाहिये ताकि उनका व्यवसाय प्रभावित न हो।
गृह मंत्रालय के नये दिशानिर्देशों के अनुसार, एक समय में अधिकतम पांच व्यक्तियों के साथ न्यूनतम छह फीट की सामाजिक दूरी सुनिश्चित करने के बाद शराब, पान और तंबाकू की बिक्री की अनुमति दी जा सकती है। ये दुकानें शहरी क्षेत्रों के बाजारों और मॉल में नहीं होने चाहिये।
Created On :   4 May 2020 4:27 AM GMT