विचार संगोष्ठी: मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में बनायेंगे सर्वश्रेष्ठ राज्य- उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल

  • एम्स भोपाल में "वन स्टेट-वन हेल्थ" विचार संगोष्ठी का शुभारंभ
  • विचार संगोष्ठी में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के सुझाव रखे
  • चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में सहयोग प्रदान करने के कार्य किया जा रहा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-26 07:18 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। उप मुख्यमंत्री श्री राजेंद्र शुक्ल ने कहा है कि प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में स्वास्थ्य क्षेत्र में अधोसंरचनाओं का सतत विस्तार हो रहा है। चिकित्सालय में अत्याधुनिक सेवाओं के साथ चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र में भी नवीन मेडिकल कॉलेज स्थापित किये जा रहे हैं। चिकित्सकीय विशेषज्ञों, मैनपॉवर की उपलब्धता हेतु विभिन्न माध्यमों से प्रयास किए जा रहे हैं। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि ज़िला स्तर के साथ प्राथमिक एवं सामुदायिक स्वास्थ्य सेवाओं को भी विस्तारित और सशक्त किया जा रहा है। उप मुख्यमंत्री श्री शुक्ल ने एम्स भोपाल में "वन स्टेट - वन हेल्थ" विचार संगोष्ठी का शुभारंभ किया।

उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स भोपाल द्वारा "वन स्टेट - वन हेल्थ" विचार संगोष्ठी का आयोजन सराहनीय प्रयास है। संगोष्ठी में विशेषज्ञों के मंथन से प्रदेश में स्वास्थ्य सेवाओं को सशक्त करने के सुझाव मध्यप्रदेश को स्वास्थ्य क्षेत्र में सर्वश्रेष्ठ राज्य बनाने में सहायक होंगे।उप मुख्यमंत्री ने कहा कि एम्स भोपाल द्वारा चिकित्सा शिक्षा के क्षेत्र में सहयोग प्रदान करने के विभिन्न आयामों में कार्य किया जा रहा है। एम्स के अनुभव से निःसंदेह मध्यप्रदेश में चिकित्सा शिक्षा क्षेत्र को लाभ प्राप्त होगा। उप मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य के विभिन्न मानकों में सुधार, ग्रामीण चिकित्सा अधोसंरचना और सेवा प्रदाय को सशक्त करने के लिए अंतःक्षेपों में विशेष रूप से मंथन किया जाये।

मध्य प्रदेश “वन स्टेट- वन हेल्थ” पालिसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा

एम्स भोपाल के कार्यपालक निदेशक प्रो. (डॉ.) अजय सिंह ने कहा कि मध्य प्रदेश वन स्टेट वन हेल्थ पालिसी लागू करने वाला देश का पहला राज्य बनेगा। एम्स भोपाल ई-कंसल्टेशन और ई-आईसीयू के द्वारा राज्य के दूर दराज़ के इलाकों तक बेहतर स्वास्थ्य सुविधाएँ उपलब्ध कराएगा। अपर आयुक्त चिकित्सा शिक्षा डॉ. पंकज जैन सहित एम्स भोपाल और अन्य शासकीय तथा निजी स्वास्थ्य सेवा क्षेत्र के शिक्षक, चिकित्सक, विशेषज्ञ उपस्थित थे।

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