वारदात: चोरी में शामिल होने से इंकार पर साथियों ने शराब में मिलाया जहर, हाइवा चालक को उतारा मौत के घाट
- सतना जिले में दिल दहला देने वाली वारदात
- चोरी में शामिल होने से मना करने पर हाइवा चालक को जान से मारा
- डेढ़ साल बाद हुआ खुलासा, जेल भेजे गए दोनों आरोपी
डिजिटल डेस्क, सतना। काम में बेईमानी से इंकार की सजा हाइवा चालक को जान देकर भुगतनी पड़ी। लगभग डेढ़ साल पहले संदिग्ध परिस्थितियों में मौत का खुलासा कर रामनगर पुलिस ने मृतक के 2 साथियों को पकड़ लिया है, जिन्हें कोर्ट में पेश कर जेल भेजा गया है।
ये थी घटना
सनसनीखेज घटना का खुलासा कर टीआई टीकाराम कुर्मी ने बताया कि झिन्ना निवासी सुखलाल यादव 40 वर्ष, हाइवा चलाने का काम करता था, उसके मालिक की ही कंपनी में संतोष पुत्र सम्पर्क वैस 49 वर्ष, निवासी चचाई, थाना देवलौंध जिला शहडोल, और पप्पू उर्फ सुरेन्द्र पुत्र रामसजीवन वैस 37 वर्ष, भी ड्राइवर थे। 7 दिसंबर 2022 की रात को तीनों लोग अलग-अलग हाइवा में बुढ़वा खदान से रेत लोड करने पहुंचे, जिसके बाद सुखलाल खाना खाने घर चला गया। तकरीबन 9 बजे जब वापस आया तो संतोष और सुरेन्द्र ने उसे शराब पिला दी। नशा करने के पश्चात तीनों लोग अपनी-अपनी गाड़ी लेकर रवाना हो गए, मगर झिन्ना गांव से आगे निकलते ही सुखलाल उल्टी करने लगा। देखते ही देखते ही उसकी हालत खराब हो गई, पर रात में वह हाइवा में ही सो गया। अगली सुबह परिजनों को खबर लगी तो वे मौके पर आए और ड्राइवर को रीवा ले गए, जहां उपचार के दौरान उसकी मौत हो गई।
18 महीने बाद आई बिसरा की रिपोर्ट
मौत की वजह स्पष्ट नहीं होने पर बिसरा सुरक्षित कराया गया और वैज्ञानिक अधिकारी डॉ. महेन्द्र सिंह की सलाह पर जांच के लिए सागर भेज दिया गया, लेकिन प्रयोगशाला में वर्कलोड काफी ज्यादा होने से सेम्पल की रिपोर्ट आने में 18 महीने का वक्त लग गया। अंतत: जून 2024 के दूसरे सप्ताह में लैब से रिपोर्ट आई, जिसमें जहर से मृत्यु का उल्लेख किया गया था। रिपोर्ट देखते ही पुलिस टीम ने आखिरी बार मृत के साथ शराब पीने वाले संतोष वैस और सुरेन्द्र वैस को हिरासत में लेते हुए पूछताछ की तो आरोपियों ने जुर्म कबूल कर लिया।
चोरी में नहीं देता था साथ
आरोपियों ने खुलासा किया कि मृतक सुखलाल बेहद इमानदारी से काम करता था, वह एक-एक पैसे का हिसाब मालिक के सामने रख देता था। जबकि दोनों लोग वाहन स्वामी से छिपाकर पैसों की हेराफेरी करते थे, लेकिन मृतक के कारण उनकी गड़बड़ी पकड़ी जाती थी। काफी मनाने के बावजूद वह हेराफेरी में शामिल होने को राजी नहीं हुआ, ऐसे में उसे रास्ते से हटाने का प्लान बनाया गया। अंतत: 7 दिसंबर 2022 को सल्फास की गोली का जुगाड़ किया और शराब में मिलाकर सुखलाल को पिला दिया, जिससे उसकी मौत हो गई। बयान के बाद आरोपियों को कोर्ट में पेश कर जेल भेज दिया गया है। इस कार्रवाई में चौकी प्रभारी संतोष उलाड़ी, साइबर सेल के एसआई अजीत सिंह, आरक्षक नीरज लोधी और शिवेन्द्र सिंह ने अहम भूमिका निभाई।