उत्तर प्रदेश: गोरखपुर में 221 महिलाओं का निःशुल्क सिलाई मशीन वितरण कार्यक्रम

  • नए भारत का नया यूपी आज महिलाओं समेत सभी लोगों को स्वावलम्बन की राह दिखा रहा- सीएम
  • महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन सर्वोपरि : मुख्यमंत्री
  • महिलाओं के स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त करना होगा- सीएम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-09 16:57 GMT

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा है कि डबल इंजन सरकार की नीतियों और योजनाओं में महिलाएं केंद्र बिंदु पर हैं। केंद्र और प्रदेश सरकार जितनी जनकल्याणकारी योजनाओं का संचालन कर रही है, उनमें सर्वाधिक संख्या उन योजनाओं की है, जिनका सीधा प्रभाव महिलाओं पर पड़ता है। प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी जी ने व्यक्ति, मत, मजहब या क्षेत्र को योजनाओं का आधार नहीं बनाया, बल्कि योजनाओं का आधार गांव, गरीब, किसान व महिलाओं को बनाया है। आधी आबादी के सशक्तिकरण के बिना भारत को सशक्त और समर्थ नहीं बनाया जा सकता है। इसके लिए सुरक्षा का वातावरण देकर महिलाओं के स्वावलम्बन का मार्ग प्रशस्त करना होगा।

मुख्यमंत्री आज महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय, गोरखपुर में अन्तरराष्ट्रीय महिला दिवस के उपलक्ष्य में प्रशिक्षु महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के लिए 221 महिलाओं को निःशुल्क सिलाई मशीन वितरण कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। मुख्यमंत्री जी ने इस अवसर पर प्रशिक्षु महिलाओं को सिलाई मशीन वितरित कीं। सात दिवसीय निःशुल्क सिलाई-कढ़ाई प्रशिक्षण शिविर का यह कार्यक्रम महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय में महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद के सौजन्य से आयोजित किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि सरकार और समाज के लिए महिला सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन सर्वोपरि है। सरकार इस दिशा में पूरी प्रतिबद्धता से कार्य कर रही है। 'बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ' और 'प्रधानमंत्री मातृ वंदना योजना सीधे महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन से जुड़ी हैं। स्वच्छ भारत मिशन, प्रधानमंत्री उज्ज्वला योजना, सौभाग्य योजना और मुफ्त राशन जैसी योजनाओं के केंद्र में महिलाएं हैं, क्योंकि यदि परिवार में अभाव होगा तो सबसे अधिक दिक्कत महिला को ही होती है। पी०एम० विश्वकर्मा योजना, विश्वकर्मा श्रम सम्मान योजना शिल्पियों के साथ ही महिलाओं की आत्मनिर्भरता के लिए हैं। केंद्र सरकार की ही तरह प्रदेश सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा, सम्मान और स्वावलम्बन के लिए मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, मुख्यमंत्री सामूहिक विवाह योजना जैसी विभिन्न योजनाएं चलाई हैं। छात्रों के साथ छात्राओं को स्मार्टफोन उपलब्ध कराकर उन्हें तकनीकी रूप से सक्षम बनाया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय परम्परागत पाठ्यक्रमों के संचालन करने के साथ कई सामाजिक व रचनात्मक गतिविधियों का केंद्र बन गया है। किसी भी संस्था की उपादेयता के लिए समाज के सापेक्ष बने रहना जरूरी है। यह विश्वविद्यालय इस जिम्मेदारी को पूरी तरह समझ रहा है और निभा भी रहा है। इस विश्वविद्यालय से सम्बद्ध चिकित्सालय, आयुर्वेद, नर्सिंग, पैरामेडिकल और फार्मेसी संकाय के विद्यार्थियों की ओर से गांवों में स्वास्थ्य शिविर का लगाया जाना भी इसी सामाजिक भूमिका का निर्वहन है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि नए भारत का नया उत्तर प्रदेश आज महिलाओं समेत सभी लोगों को स्वावलम्बन की राह दिखा रहा है। यहां किसानों को पराली और गोबर बेचकर कमाई करने का नया विकल्प दिया जा रहा है। साथ ही, गोपालन के लिए सरकारी प्रोत्साहन भी प्रदान किया जा रहा है। निराश्रित गोवंश के पालन के लिए प्रति गाय पंद्रह सौ रुपये प्रतिमाह प्रदेश सरकार दे रही है। गाय पालिए, उसका दूध पीजिए और गोबर बेचकर आमदनी भी करिए।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रशिक्षण देकर सिलाई मशीन उपलब्ध कराने का महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद और महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय का यह कार्यक्रम महिला सशक्तिकरण के लिए काफी महत्वपूर्ण है। यह महिला स्वावलम्बन से जुड़ा एक अभिनव प्रयास है। प्रशिक्षण के बाद सिलाई मशीन पर काम शुरू कर ये महिलाएं रेडीमेड गारमेंट उत्पाद की दिशा में आगे बढ़ सकती हैं। इस कार्य में एफ०पी०ओ० और स्वयं सहायता समूह बनाकर कार्य करना फायदेमंद होगा। अपने रेडीमेड गारमेंट उत्पाद को मार्केट से लिंक कर महिलाएं प्रतिमाह आठ से दस हजार रुपये की आमदनी कर सकती हैं।

सांसद रवि किशन शुक्ल, विधायक श्री महेंद्र पाल सिंह ने भी कार्यक्रम को सम्बोधित किया। इस अवसर पर महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल (सेवानिवृत्त) डॉ० अतुल वाजपेयी सहित शिक्षक, विद्यार्थी व प्रशिक्षणार्थी महिलाएं उपस्थित रहीं।

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