madhyapradesh: उद्योगों के विकास की सभी बाधाओं को किया जाएगा दूर: मुख्यमंत्री डॉ. यादव

  • उद्योगपति अपने लिए ही नहीं प्रदेश और देश के लिए चला रहे हैं उद्योग
  • विन्ध्य के उद्योगपतियों को निर्यात के लिए मिलेगी कंटेनर की सुविधा
  • कमिश्नर और कलेक्टर दूर करें उद्योगपतियों की कठिनाइयों को
  • मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने रीवा में किया उद्योगपतियों से संवाद

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-20 14:03 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव ने कहा है कि विन्ध्य में औद्योगिक विकास की अपार संभावनाएं हैं। इन्हें गति देने के लिए 23 अक्टूबर को रीवा में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। उद्योगों के विकास की सभी बाधाएं दूर की जाएंगी। सभी उद्योगपति अपनी कठिनाइयों को उद्योग विभाग अवगत कराएं। हर जिले में निवेश संवर्धन केन्द्र खोल दिये गये है। इसके माध्यम से भी सरकार तक अपनी बात पहुंचाएं। उद्योगपतियों की स्थानीय कठिनाइयों को दूर करने की जिम्मेदारी कमिश्नर और कलेक्टर की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विन्ध्य के उद्योगपतियों को उत्पादों के निर्यात के लिए कंटेनर की सुविधा मिलेगी। अब रेल के साथ मालवाहक हवाई जहाजों से भी परिवहन होगा। उद्योगपति केवल अपने लिए उद्योग नहीं चलाते हैं। उनके द्वारा संचालित उद्योग से प्रदेश और देश का विकास भी होता है। मुख्यमंत्री डॉ. यादव रीवा में 23 अक्टूबर को होने वाली रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव के संदर्भ में स्थानीय उद्योगपतियों के साथ चर्चा कर रहे थे।

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि प्रदेश के औद्योगिक विकास को गति देने के लिए हर माह संभागीय मुख्यालयों में रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव का आयोजन किया जा रहा है। जब कुँआ खुद प्यासे के पास जा रहा है तब उद्योगों को भला कौन सी कठिनाई होगी। उद्योगपतियों से संवाद करते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि धान की मिलिंग के संबंध में जो कठिनाईयाँ हैं उन्हें दूर करने के लिए शीघ्र निर्णय लिया जाएगा। मिलिंग नीति में राइस मिलर्स के हितों का पूरा ध्यान रखा जाएगा। उद्योगों के लिये वर्ष 2022-23 के अनुदान की राशि जारी कर दी गई है। अब अनुदान की राशि सीधे उद्योगपति के खाते में जारी की जाएगी। विन्ध्य क्षेत्र के विकास की हर बाधा दूर की जाएगी। मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने कहा कि मैं रीवा का दामाद हूँ, रीवा के विकास में कोई कोर कसर नहीं रखूंगा।

उद्योगों पर नहीं होगा दोहरा कराधान

मुख्यमंत्री डॉ. यादव ने बैठक में उपस्थित रीवा तथा मऊगंज के उद्योगपतियों से चर्चा की और सिंगरौली, सीधी, मैहर तथा सतना के उद्योगपतियों से वर्चुअल संवाद किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि औद्योगिक क्षेत्र के उद्योगों पर दोहरा कराधान नहीं होगा। आगामी 23 अक्टूबर को रीवा में पूरे विन्ध्य के औद्योगिक विकास के लिए विचार-मंथन के लिए कॉन्क्लेव होगा। इसमें शामिल होने के लिए 50 बड़े उद्योगपतियों के साथ 3 हजार से अधिक उद्योगपतियों ने पंजीयन किया है। इसी दिन औद्योगिक केन्द्र चोरहटा में विद्युत सब-स्टेशन के निर्माण तथा रीवा में आईटी पार्क के निर्माण का भूमि-पूजन भी किया जायेगा। विन्ध्य में कई बड़े उद्योगों की स्थापना के प्रस्ताव रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में मिलेंगे।

बैठक में उद्योगपतियों ने औद्योगिक विकास के अनुसार जिलों के श्रेणीकरण, रीवा को विशेष औद्योगिक जोन का दर्जा देने, धान मिलिंग तथा बारदाने की राशि के भुगतान, छोटे शहरों के औद्योगीकरण को प्राथमिकता देने, सिंगरौली में उद्योगों के लिए पर्याप्त पानी की उपलब्धता, पॉवर, एल्युमिनियम और सीमेंट प्लांट सहित विभिन्न सुझाव दिए।

मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव  राघवेन्द्र कुमार सिंह ने रीजनल इंडस्ट्री कान्क्लेव की रूपरेखा प्रस्तुत की। उप मुख्यमंत्री जगदीश देवड़ा, उप मुख्यमंत्री  राजेन्द्र शुक्ल, सांसद रीवा जनार्दन मिश्र, सांसद सीधी डॉ. राजेश मिश्रा, विधायक त्योंथर  सिद्धार्थ तिवारी, विधायक मनगवाँ  नरेन्द्र प्रजापति, जिला पंचायत अध्यक्ष डॉ. नीता कोल, प्रबंध संचालक औद्योगिक विकास निगम  चन्द्रमोली शुक्ला, कमिश्नर रीवा  बी.एस. जामोद और कलेक्टर प्रतिभा पाल उपस्थित रहीं। बैठक में उद्योग संघ रीवा के अध्यक्ष राजीव खन्ना,  जी.एस. साहनी, दिलीप सिंह, आर.के. रोघटा, श्री आदित्य प्रताप सिंह, विभा व्रिकांत द्विवेदी सहित अन्य उद्योगपति शामिल हुए।

Tags:    

Similar News