दुष्कर्म: नाबालिग के दुष्कर्मी को बीस साल की कैद, 400 रुपये के अर्थदंड से किया गया दंडित
- नाबालिग के दुष्कर्मी को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) तृप्ति पाण्डेय ने दोषी करार दिया
- 9 साल की नाबालिग पीड़िता की मां 24 अगस्त 23 को घर से बाहर गई थी
- पुलिस ने आरोपी अनिल के खिलाफ विभिन्न धारों के तहत मामला दर्ज किया
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। देहात थाना क्षेत्र की एक नाबालिग के दुष्कर्मी को विशेष न्यायाधीश (पॉक्सो एक्ट) तृप्ति पाण्डेय ने दोषी करार दियाहै। न्यायाधीश ने आरोपी को बीस साल के सश्रम कारावास और चार हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। देहात में पदस्थ एसआई वर्षा सिंह ने मामले की विवेचना की थी।
अभियोजन अधिकारी दिनेश उईके ने बताया कि 9 साल की नाबालिग पीड़िता की मां 24 अगस्त 23 को घर से बाहर गई थी। नाबालिग को अकेली पाकर अंकल अनिल ने उसे बहला फुसलाकर अपने घर ले गया। नाबालिग को डरा धमकाकर आरोपी अनिल ने नाबालिग से दुराचार किया। पीडि़ता ने अपनी मां को घटना के संबंध में बताया था। पीडि़ता की मां ने थाने पहुंचकर आरोपी अनिल के खिलाफ शिकायत कर अपराध दर्ज कराया था।
पुलिस ने आरोपी अनिल के खिलाफ धारा 376(एबी), 363, 506, पॉक्सो एक्ट की धारा 5(एम), 6 के तहत मामला दर्ज किया था। न्यायाधीश ने आरोपी अनिल को दोषी करार दिया है। आरोपी को बीस साल के सश्रम कारावास और चार हजार रुपए के अर्थदंड से दंडित किया है। ढाई लाख रुपए क्षतिपूर्ति राशि नाबालिग को देने जिला विधिक सेवा प्राधिकरण को निर्देश दिए है।