ग्राम पंचायत पिपरिया खुर्द: आदिवासी महिला सरपंच ने कलेक्टर के सामने रखी अपनी पीड़ा, सचिव एवं रोजगार सहायक बैठकों में नहीं करते आमंत्रित

  • आदिवासी महिला सरपंच की पीड़ा
  • सचिव एवं रोजगार सहायक बैठकों में नहीं करते आमंत्रित
  • जनपद पंचायत सीईओ एवं कलेक्टर के समक्ष सुनाई अपनी पीड़ा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-20 11:50 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। कस्बा मुख्यालय से आठ किलोमीटर दूर स्थित ग्राम पंचायत पिपरिया खुर्दकी महिला आदिवासी सरपंच ने पंचायत के सचिव व रोजगार सहायक की मनमानी से परेशान होकर जनपद पंचायत सीईओ एवं कलेक्टर के समक्ष अपनी पीड़ा सुनाई है। 19 मार्च को कलेक्टर पन्ना के कार्यालय में दिए एक शिकायती आवेदन में पिपरिया खुर्द की महिला आदिवासी सरपंच लीला बाई आदिवासी ने ग्राम पंचायत के सचिव एवं रोजगार सहायक पर अनियमितताओं के आरोप लगाए। उन्होंने आवेदन देते हुए बताया कि पूर्व में अधूरे निर्माण कार्य जैसे अमृत सरोवर, खखरी निर्माण कार्य, सीसी रोड एवं नाली निर्माण कार्य जो कि आज भी अधूरे हैं उनकी सारी राशि का फर्जी तरीके से आहरण सचिव द्वारा कर लिया गया है। सरपंच ने आरोप लगाया कि ग्राम पंचायत में कभी भी ग्राम सभा की बैठक का आयोजन नहीं किया जाता एवं फर्जी अंगूठे व हस्ताक्षर कर प्रस्ताव बनाए जाते हैं। किसी भी कार्य की जानकरी सरपंच एवं उप सरपंच को नहीं दी जाती। महिला सरपंच ने यह भी आरोप लगाए हैं कि कपिल धारा कूप, मेढ़ बंधान एवं प्रधानमंत्री आवास में सचिव लखन लाल द्वारा दस-दस हजार रुपए लिए जाते हैं। सरपंच लीलाबाई आदिवासी ने कलेक्टर से आवेदन पत्र में दिए गए बिंदुओं पर जांच की मांग करते हुए कार्यवाही की मांग की है। सरपंच ने एक पत्र उपलब्ध कराते हुए बताया कि उनके द्वारा इसके पूर्व ६ अक्टूबर २०२३ को भी एक लिखित शिकायत जनपद पंचायत सीईओ शाहनगर को दी थी जिस पर कोई कार्यवाही नहीं की गई। सरपंच कहती हैं कि उनका आईडी पासवर्ड तक सचिव ने लेकर रखा है जो उन्हें उपलव्ध नहीं कराया जाता।

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