अंतरराष्ट्रीय बाघ दिवस: पेंच पार्क में बढ़ा टाइगर का कुनबा, दस साल पहले थे 65 अब 123 हुई संख्या
- चार साल में एक बार होती गणना
- हर बार बढ़ रही बाघों की संख्या
- 10 साल में संख्या दोगुनी से ज्यादा
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। देश के टॉप राष्ट्रीय उद्यानों में पेंच पार्क में पिछले बारह सालों में बाघों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है। वर्ष 2010 में जहां पेंच पार्क में बाघों की संख्या सिर्फ 65 थी वहीं पिछली गणना जो वर्ष 2022 में हुई थी उसमें संख्या बढ़कर 123 के आसपास हो गए हैं। यानी इन पिछले दस सालों में बाघों की संख्या दोगुनी से ज्यादा हो गई है।
अखिल भारतीय बाघ आंकलन की बात करे तो पूरे देश में वर्ष 2022 को संख्या 3682 है जिसमें से 123 पेंच नेशल पार्क में है। हर चार साल में आल इंडिया सेंसस के तहत बाघों की गणना होती है जिसके हर चार साल में हुई बाघों की गणना में इनकी संख्या बढ़ी है।
वर्ष 2022 में हुई इस गणना के बाद अब वर्ष 2026 में गिनती होगी, अधिकारियों की माने तो बाघों की संख्या और बढ़ेगी। पिछले कुछ सालों में लगातार बाघों के मूवमेंट के बात यह तो तय है कि यह आंकड़ा आने वाली गणना में बढ़ जाएगा। उल्लेखनीय है कि पेंच नेशनल पार्क में वर्ष 2010 की गण्ना मे 65, वर्ष 2014 की गणना में 69 और वर्ष 2018 की गणना में बाघों की संख्या 87 के पास पहुंच गई थी।
पेंच पार्क का वातावरण अनुकुल
वन विभाग के अधिकारियों की माने तो पेंच नेशनल पार्क में लगातार बाघों की संख्या बढ़ रही है। इतना हीं नहीं आने वाले दिनों में भी बाघों के शावकों को देखा गया है जिसके बाद यह तो तय है कि आने वाली गणना में भी बाघों की संख्या में वृद्धि होना तय है।
टैरिटरी बनाने रहवासी इलाकें में आ रहे बाघ
बाघों की बढ़ती संख्या का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि टैरिटरी बनाने के लिए बाघ अब रहवासी इलाकों में पहुंच रहे है। पिछले कुछ सालों में सांख, ग्रेटिया, बिछुआ क्षेत्र से लगे जंगलों में बाघों का मूवमेंट देखा जा रहा है। सांख गे्रटिया के आसपास तो बाघ ने अपना ठीकाना बना लिया है। पिछले कुछ सालों में बाघों का लगातार मूवमेंट बना रहता है।
चौरई में तीन से ज्यादा बाघ का मूवमेंट, हरदुआमाल के पास बनाया ठीकाना
पेंच क्षेत्र से लगे चौरई और इसके आसपास के गांवों में बाघ का मूवमेंट अब आम हो गया है। हालात यह है कि यहां पर अब बाघ ने ठिकाना बना लिया है और हर दिन इसका मूवमेंट बना रहता है। सबसे ज्यादा हरदुआमाल से लगे क्षेत्र में बाघ का मूवमेंट रहता है। नोनाझिर, आमाझिर, साख, गढ़खापा में भी बाघ का मूवमेंट बना हुआ रहता है।
पेंच नेशनल पार्क में ऐसे हाल
वर्ष बाघ
2010 65
2014 69
2018 87
2022 123
नतीजा बाघ देखने बड़े पर्यटक
पेंच नेशनल पार्क के लिए पड़ोसी जिले सिवनी के प्रवेश द्वार पर्यटकों को पसंद आते हैं लेकिन पिछले कुछ सालों में छिंदवाड़ा जिले के जमतरा गेट से भी पर्यटकों की संख्या बढ़ी है। एक अप्रैल 2023 से 31 मार्च 2024 तक की बात करे तो कुल 1877 देशी पर्यटकों ने पेंच पार्क का भ्रमण किया। वहीं विदेशी पर्यटकों की संख्या 73 रही। इस साल अकेले जमतरा गेट से पेंच पार्क प्रबंधन के 1090070 रुपए की आय हुई है। सिवनी जिले के टुरिया और कर्माझिरी गेट के अलावा छिंदवाड़ा जिले के जमतरा गेट से पर्यटक को पार्क की सैर कराई जाती है।
इनका कहना है
- पेंच नेशनल पार्क में वर्ष 2022 को हुई गणना में बाघों की संख्या 123 आई है। वन्यप्राणियों के अनुकुल मौसम और वन्य प्राणी संरक्षण के लिए लोगों में जागरुकता भी इसकी वजह है।
- रजनीश सिंह, उपसंचालक, पेंच नेशनल पार्क