दलदल: दलदल से निकाला गया टाइगर का शावक, 4 घंटे चला रेस्क्यू
- शावक चलने-फिरने में असहज महसूस कर रहा है
- जांच के तौर पर उसके रक्त का नमूना ले लिया गया
- कीचड़ में 4 माह की फीमेल शावक बुरी तरह से फंस गई
डिजिटल डेस्क, सतना। चित्रकूट उप वन मंडल के मझगवां रेंज की चितहरा बीट के राजस्व क्षेत्र में बने बांध के कीचड़ में बुधवार की दोपहर करीब 3 बजे टाइगर के 4 माह की फीमेल शावक बुरी तरह से फंस गई। पहले तो उसने स्वयं निकलने की कोशिश की लेकिन असफल होने पर गुर्राने लगी। आवाज सुनकर ग्रामीणों ने जब घटनास्थल पर जाकर देखा तो इसकी सूचना वन परिक्षेत्र अधिकारी पंकज दुबे को दी। रेंजर के मुताबिक मादा शावक करीब 4 घंटे तक दलदल में फंसी रही। ग्रामीणों के सहयोग से जाल और लकड़ी के माध्यम से उसे बाहर निकाला गया।
चलने में असमर्थ:--
उधर, चित्रकूट उप वन मंडलाधिकारी अभिषेक तिवारी ने बताया कि शावक को दलदल से बाहर निकालने में 15 मिनट का समय लगा। फिलहाल शावक चलने-फिरने में असहज महसूस कर रही है, लिहाजा टाइगर सफारी मुकुंदपुर से वरिष्ठ पशु चिकित्सक डॉ. राजेश तोमर को बुलाया गया। जिनके द्वारा जांच की जा रही है। तिवारी ने अनुमान के तौर पर बताया कि शावक अपनी मां से बिछडक़र यहां तक पहुंची होगी। शावक की मां ने इसे अकेला क्यों छोड़ा? इसकी भी पड़ताल की जा रही है।
अद्र्ध बेहोशी हालत में रही:---
फीमेल शावक की जांच कर रहे डॉ. तोमर ने बताया कि जब शावक को दलदल से बाहर निकाला गया तो वह काफी देर तक अद्र्ध बेहोशी की हालत में रही। उसकी स्थिति काफी नाजुक बनी हुई है। जांच के तौर पर उसके रक्त का नमूना ले लिया गया है, जिसे प्रिजर्व कर जबलपुर लैब भेजा जा रहा है। शावक को क्रेज (पिंजरे) में रखकर रात भर निगरानी की जाएगी। उसके शरीर में बाहरी चोट नहीं है। स्थिति सामान्य होने पर संभवत: गुरूवार को अंदरूनी जांच की जाएगी। डॉ. तोमर ने बताया कि सामान्य होने पर इसे पुन: जंगल में या फिर आवश्यकता पडऩे पर टाइगर सफारी छोड़ा जाएगा।