मध्यप्रदेश: कल्दा पहाड में खिलाडियों के लिए स्टेडियम की दरकार, खेल प्रतिभाओं को आगे बढने का मिलेगा मौका
- पन्ना स्थित कल्दा पहाल में खिलाडियों के स्टेडियम बनाने को लेकर उठी मांग
- खेल प्रतिभाओं की प्रगति में मिलेगी अवसर
- आदिवासी अंचल की खेल प्रतिभा को मिलेगी लाभ
डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना जिले का दूरस्थ क्षेत्र कभी काला पानी के नाम से जाना जाता रहा है न सडकें न पानी, न ही विकास लेकिन अब कल्दा क्षेत्र में काफी परिवर्तन हुआ है। आवागमन के साधनों सहित हर क्षेत्र में प्रगति हुई है लेकिन जहां एक ओर खेल के क्षेत्र में कमी देखने को मिल रही है। कल्दा, श्यामगिरि पहाड भौगोलिक स्थिति में बडा है जंगली क्षेत्र होने से गांव दूर-दूर स्थित है। खेती के विकास के साथ ही पहाडी ग्रामों में खाली पडे अनुपयोगी जमीन को खिलाडी खेल ग्राउण्ड के रूप में उपयोग करने में उनका उपयोग अब खेती के रूप में ग्रामीण लोगों द्वारा कब्जा कर खेती कार्य कर गुजर-बसर करने से कल्दा पहाड के आदिवासी ग्रामों में खेल मैदान की समस्या आन खडी है। जिससे खिलाडियों में निराशा के भाव झलक रहे हैं।
क्रिकेट के खेल का असर आदिवासी अंचल में सिर चढकर बोल रहा है कोई गांव बकाया नहीं जहां हर साल क्रिकेट टूर्नामेण्ट न होते हों। खिलाडी युवा ग्रामवासी चंदा एकत्रित कर क्रिकेट टूर्नामेण्टों का काफी वृहदता से आयोजन कराते हैं। जिसमें जनप्रतिनिधिगणों, समाजसेवियों को आमंत्रित कर खेलों के प्रति जागरूकता ला रहे हैं। कल्दा श्यामगिरि पहाड भितरी मुटमुरू से लेकर महगवां बारहौं तक ककरी कछार से लेकर पिपरिया आमाझौर तक 50 किमी की दूरी तक फैला हुआ है। जहां पर स्थाई तौर पर कोई भी स्टेडियम नहीं हैं जिससे बालीबाल, एथलेटिक्स के खेलों के लिये व अन्य खेलों के लिए कोई भी स्थाई स्टेडियम नहीं हैं।
क्षेत्रीय खिलाडियों द्वारा इस समाचार पत्र के माध्यम से जनप्रतिनिधियों, शासन-प्रशासन से कल्दा पठार में एक सर्वसुविधायुक्त सभी खेलों के लिए स्टेडियम की मांग रखी है। क्योंकि खेल प्रतिभाओं की पहाड में कमी नहीं हैं। अच्छे खिलाडी है जो क्रिकेट, बालीबाल, कबड्डी, एथलेटिक्स जैसे खेलों में उत्कृष्ट प्रदर्शन कर राष्ट्रीय स्तर में नाम रोशन कर सकते हैं। उक्त मांग तुरंत पूरी होनी चाहिए जिससे इस आदिवासी अंचल की खेल प्रतिभायें आगे आ सकें।