सड़कों के हाल बुरे: ३० परसेंट बिलो में लिया ठेका, निर्माण की क्वालिटी भी हो गई बिलो!

  • सड़क धंसने और गड्ढे पड़ने के हालात
  • ३ किमी लंबी डामर रोड पर पुलियाओं के पास दिक्कत
  • सड़कें बनाने में ठेका एजेंसियों ने की जल्दबाजी

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-14 03:40 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पेंच परियोजना के माचागोरा बांध से प्रभावितों के पुनर्वास क्षेत्र में बनाई गई सड़कों के बुरे हाल के पीछे कई कारण सामने आ रहे हैं। सड़कों का ठेका ३० प्रतिशत तक बिलो रेट में लिया गया। मतलब जिस काम पर खर्च का एस्टीमेट जल संसाधन विभाग के इंजीनियरों ने एक करोड़ का बनाया वह काम महज ७० लाख में ठेका एजेंसियों ने हासिल किया। ३० प्रतिशत राशि घटने के बाद ठेका एजेंसियों ने काम कर खुद के खर्चे, बचत और अन्य खर्च निकालने की कोशिश की। नतीजतन डामर की सड़कें उखड़ रही हैं, जबकि सीमेंट कांक्रीट की रोड पर गिट्टियां तैर रही हैं। विभाग के एसडीओ का कहना है कि ३ किमी लंबी डामर रोड पर पुलियाओं के पास दिक्कत है। जबकि रोड ठीक होने का दावा कर रहे हैं।

२० करोड़ से ज्यादा की सड़कों में मेंटेनेंस शामिल नहीं

सड़क का निर्माण करने वाले एनएचएआई, एमपीआरडीसी, लोकनिर्माण विभाग और एमपीआरआरडीए अपनी प्रत्येक सड़कों के निर्माण में मेंटेनेंस दो, तीन और पांच साल तक के मेंटेनेंस की शर्तें जोड़ रहे हैं। जबकि जल संसाधन विभाग ने २० करोड़ से ज्यादा की सड़कों में मेंटेनेंस की कंडिका नहीं जोड़ी है। विभाग के अधिकारी अब ठेका एजेंसी की सिक्युरिटी डिपॉजिट की राशि से सुधार कार्य कराने की बात कह रहे हैं।

गांवों के भीतर १५ किमी से ज्यादा सीसी रोड बनी

पुनर्वास के गांव बाम्हनवाड़ा, तुमड़ा, जमुनिया, बारहबरियारी, धनौरा, केवलारी संभा, मुआर और भुतेरा आंतरिक सड़कों का निर्माण किया गया है। इन गांवों में १५ किमी से ज्यादा सीमेंट कांक्रीट की सड़कें बनाई गई हैं। धनौरा के सरपंच परसराम वर्मा सहित ग्रामीणों के मुताबिक सीसी रोड से गिट्टियां निकल रही है।

सड़कों के खराब होने के ये तकनीकी कारण सामने आ रहे

तकनीकी जानकारों के मुताबिक, कॉम्पेक्शन की कमी की वजह से सड़क के धंसने व गड्ढे पडने की स्थिति बनती है। पुनर्वास क्षेत्र की सड़कों में भी यही हुआ। निर्माण में ठेका एजेंसियों ने जल्दबाजी की, जबकि विभाग ने अनदेखी।

जम्होरी पंडा से भुतेरा वन-टू तक करीब साढ़े ६ किमी की डामरीकृत सड़क में कई जगह गिट्टियां उखड़ी हुई दिख रही हैं। बिटुमिन की कम गुणवत्ता व कम मात्रा की वजह से ऐसी स्थिति बनती है।

सीमेंट कांक्रीट की सड़कों में मटेरियल की गुणवत्ता कमजोर होने व बाइब्रेटर का इस्तेमाल ठीक से नहीं होने के कारण सड़कें उधड़ती हैं। पुनर्वास के धनौरा सहित अन्य गांवों में सीसी रोड उधड़ गई हैं।

इनका कहना है

निर्माण में गुणवत्ता से समझौता नहीं किया गया है, इसके बावजूद जहां भी सड़क में समस्या आई है, उसे ठेकेदारों की एसडी की राशि से मेंटनेंस कराया जाएगा। एसडीओ से रिपोर्ट मंगाई है, मैं खुद भी मौके पर जाकर देखूंगी।

कुमकुम कौरव पटेल, ईई, जल संसाधन विभाग

इधर जल निगम सोल्डर खोदकर डाल रहा पाइप

पुनर्वास क्षेत्र की सड़कों की बर्बादी में मप्र जल निगम कोई कसर नहीं छोड़ रहा है। सड़क किनारे बने सोल्डर खोदकर जल निगम अपनी पाइप लाइन डाल रहा है। गड्ढे खोदने और पाइप डालने के लिए चल रही मशीनें डामर की सड़कों को नुकसान पहुंचा रही है। सिहोरा से माचागोरा रोड को जोडऩे वाली पुनर्वास की भुतेरा वन और टू की सड़क पर जल निगम की मशीनें व हैवी लोड वाहन चल रहे हैं। जिससे सड़क को नुकसान पहुंच रहा है। जल संसाधन विभाग की ईई कुमकुम कौरव पटेल ने जल निगम को सड़क खराब होने की स्थिति से अवगत कराया है। जबकि शुक्रवार को मौके पर जाकर एसडीओ ने काम रुकवाया।

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