मध्यप्रदेश: 3 विभागों की पहुंची टीम, मौके पर मिला खौलता पानी, मीथेन के साथ सल्फर और अमोनिया का भण्डार

  • गांधीग्राम में 600 फीट गहरे बोर से गैस निकलने का मामला
  • मौके पर मौजूद खनिज विभाग एवं पीसीबी की टीम
  • ओएनजीसी को लिखा पत्र

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-25 12:05 GMT

डिजिटल डेस्क, सतना। नगर निगम सीमा से महज 4 किलोमीटर की दूरी पर स्थित गांधीग्राम के सिद्धिविनायक धाम कॉलोनी में 600 फीट गहरे बोर से निकल रही गैस की जांच करने के लिए कलेक्टर अनुराग वर्मा के निर्देश पर प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, माइनिंग विभाग और स्टेट डिजास्टर इमरजेंसी रिस्पांस फोर्स (एसडीईआरएफ) की टीमें मौके पर पहुंचीं। टीम को वहां गैस की रिसाव से बरसाती पानी भी खौलता मिला। पीसीबी की टीम ने गैस डिटेक्टर मशीन से जांच की तो पाया यहां मीथेन के साथ-साथ अमोनिया और सल्फर भी प्रचुर मात्रा में है। खनिज विभाग ने जली हुई मिट्टी का सैम्पल लेकर जबलपुर की क्षेत्रीय प्रयोगशाला भेजा है जबकि इसकी जांच के लिए ऑयल एंड नेचुरल गैस कार्पोरेशन (ओएनसीजी) के हेड ऑफिस देहरादून को पत्र लिखा गया है।

क्या है पूरा मामला

गौरतलब है कि इस कॉलोनी में रैगांव निवासी आशीष गौतम नामक शख्स ने करीब दो माह पहले 1300 वर्गफीट का प्लाट खरीदकर उसमें बोर कराया था। 600 फीट बोर करने के बावजूद इसमें पानी नहीं निकला बल्कि गैस निकलने लगी। गैस की तीव्रता इतनी तेज है कि इसकी दुर्गन्ध आसपास के 4 गांवों में लोगों को परेशान कर रही है। लोगों को सिरदर्द की समस्या होने लगी।

किस टीम में कौन था शामिल

खनिज विभाग से डिवीजन के डिप्टी डायरेक्टर बंसत राम, जिला खनिज अधिकारी एचपी सिंह, निरीक्षक आशुतोष मिश्रा पाल्युशन कंट्रोल बोर्ड से कनिष्ठ वैज्ञानिक जीपी बैगा, केमिस्ट अनूप श्रीवास्तव, फील्ड असिस्टेंट राज गुप्ता तथा एसडीईआरएफ से प्लाटून कमांडर अमित पटेल के नेतृत्व में एसडीईआरएफ के आधा दर्जन जवान पहुंचे। एसडीईआरएफ इसलिए मौके पर पहुंची थी ताकि अगर रेस्क्यू की जरूरत पड़े तो उसे अंजाम दिया जा सके।

50 मीटर के दायरे में आवाजाही प्रतिबंधित

गैस डिटेक्टर मशीन से टेस्ट करने पर प्रदूषण विभाग ने पाया कि इसमें मीथेन गैस प्रचुर मात्रा में है। इसके अलावा अमोनिया, सल्फर भी है। यह 1700 से 1800 सौ पीपीएम यूनिट है। पीसीबी ने अपनी रिपोर्ट कलेक्टर अनुराग वर्मा को सौंप दी है। प्रदूषण विभाग ने कलेक्टर से सिफारिश की है कि घटनास्थल से 50 मीटर के दायरे में लोगों की आवाजाही प्रतिबंधित की जाए।

इनका कहना है

इस संबंध में कलेक्टर अनुराग वर्मा ने कहा कि गैस रिसाव की जैसे ही खबर लगी तो जांच के लिए पीसीबी एवं माइनिंग विभाग की टीम को भेजा था। सेम्पल लिया गया है और ओएनजीसी को पत्र भी लिखा गया है।

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