जीवन मूल्य और संस्कृति: विद्यार्थियों को भारतबोध कराएं शिक्षक : प्रो. संजय द्विवेदी
- भारतीयता और मूल्यों के विकास ही से देश बनेगा जगद्गुरु
- विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों और संस्कृति को प्रवाहित करते हैं शिक्षक
- शिक्षण कार्य महज आजीविका चलाने का माध्यम नहीं
डिजिटल डेस्क, भोपाल। भारतीय जन संचार संस्थान (आईआईएमसी ) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी का कहना है कि शिक्षक ही अपने विद्यार्थियों में जीवन मूल्यों और संस्कृति को प्रवाहित करते हैं। देश को जगद्गुरु बनाने के लिए शिक्षक समुदाय को आगे आने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि शिक्षकों का दायित्व है कि वे विद्यार्थियों को भारतबोध कराएं। वे यहां चौरई(छिंदवाड़ा) के अन्नपूर्णा मैरिज लान में आयोजित शिक्षक सम्मान समारोह को मुख्य अतिथि की आसंदी से संबोधित कर रहे थे।
अपने संबोधन में प्रो.संजय द्विवेदी ने कहा कि शिक्षण कार्य महज आजीविका चलाने का माध्यम नहीं है। यह बहुत ही जिम्मेदारी भरा काम है। शिक्षक विद्यार्थियों को सही मायने में जीवन जीने की कला सिखाता है। उन्होंने कहा कि शिक्षक विद्यार्थियों की छिपी हुई प्रतिभा को सामने लाने और उसे निखारने का कार्य करता है।
समारोह की अध्यक्षता राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के विभाग संघचालक, छिन्दवाड़ा भजनलाल चोपड़े ने की। कार्यक्रम में पूर्व विधायक गंभीर सिंह चौधरी, विधानसभा प्रभारी लखन वर्मा, नगर पंचायत चांद अध्यक्ष दानसिंह ठाकुर, नगर पंचायत बिछुआ अध्यक्षरामचंद्र बोबड़े, अध्यक्ष लोधी समाज अतरलाल वर्मा, पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष दीपका चोपड़े, समाजसेवी अजब सिंह लोधी व हरिश्चंद पटेल विशेष अतिथि के नाते शामिल हुए। जिला पंचायत छिन्दवाड़ा के पूर्व उपाध्यक्ष एवं कार्यक्रम संयोजकश्री शैलेन्द्र रघुवंशी (बबलू पटेल) ने अतिथियों का स्वागत किया।