प्रबंधन बेसुध: छह से सात गुना किराया लेकर चल रहीं दुकानें, जिला अस्पताल के काम्प्लेक्स का है मामला
- दुकानों का मनमाना संचालन
- जिला अस्पताल काम्प्लेक्स का मामला
- अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से बेसुध
डिजिटल डेस्क, सिवनी। जिला अस्पताल काम्प्लेक्स की दुकानों का मनमाना संचालन हो रहा है। यहां पर अधिकांश दुकानें किराए पर संचालित हैं। दुकानदारों ने दुकानों को छत से सात गुना तक किराए पर दूसरों को दे दिया है। हैरानी की बात यह है इस मामले में जिला अस्पताल प्रबंधन पूरी तरह से बेसुध है। न तो दुकानों के लेकर जांच हो रह है और न ही दुकानदारों पर कोई कार्रवाई। यह सिलसिला सालों से चल रहा है। वहीं दूसरी और काम्प्लेक्स की दुकानों में तंबाकू युक्त पाउच की बिक्री हो रही है। जबकि यहां पर तंबाकू नहीं बेचा जा सकता।
122 दुकानें हैं संचालित
जानकारी के अनुसार जिला अस्पताल के काम्प्लेक्स में कुल 122 दुकानें हैं। इसमें से ४७ बड़ी और ७५ छोटी दुकानें हैं। छोटी दुकानों से 650 और बड़ी दुकानों से 1200 रुपए प्रतिमाह किराया वसूला जाता है। छोटी दुकानों को दुकानदारों ने 4500 से 5 हजार रुपए में दूसरों को किराया दे दिया है और वे मात्र 650 रुपए अस्पताल को दे रहे हैं।
दुकानों को भी बदल डाला
स्थिति यह है कि काम्प्लेक्स की कई दुकानों में परिवर्तन कर दिया गया है। छोटी दुकानों में एक एक अतिरिक्त छोटी दुकान बनाकर वहां पर पान दुकानें चल रही हैं। यहां की काम्प्लेक्स के चैनल गेट तक में भी कब्जा दुकानें संचालित हो रही हैं। ज्ञात हो कि वर्ष २००० में काम्प्लेक्स तैयार किया गया था। जिन दुकानों का आवंटन किया गया था तय शर्तों के अनुसार वे समय पर निर्धारित किराया देंगे। कई बार तो समय पर किराया भी नहीं दिया जाता है।
कई दुकानों को बेच दिया गया
बताया जा रहा है कि काम्प्लेक्स की कुछ दुकानों को दुकानदारों ने दूसरों को बेच भी दिया ,लेकिन इसके लिए कोई सूचना अस्पताल प्रबंधन को नहीं दी गई। हालांकि दुकान दूसरों को बेचने का कोई नियम नहीं था। इसके लिए सरकारी स्तर पर कार्रवाई होती और बाद में उनको दूसरों को किराए पर दिया जाता। काम्प्लेक्स संचालन के प्रभारी का कहना है कि दुकानें दूसरों को नहीं दिया जा सकता। इसके लिए विभागीय स्तर पर ही कार्रवाई होती है।
डॉ जयपाल सिंह ठाकुर, सीएमएचओ, सिवनी का कहना है कि अस्पताल कॉम्प्लेक्स का संचालन रोगी कल्याण समिति के द्वारा संचालित होता है। यदि दुकानदारों ने दूसरों को किराए से दुकानें दी हैं तो इस मामले की जानकारी ली जाएगी।