सुरक्षा पर सवाल: जिला अस्पताल के २६ वार्डों की सिक्युरिटी भगवान भरोसे, यहां न सीसीटीवी कैमरे और न ही सुरक्षाकर्मी

  • वार्ड में चोरी और नर्सिंग स्टाफ से अभद्रता के मामले आए सामने
  • सुरक्षा में बरती लापरवाही
  • वार्डों में चोरी की घटनाएं हैं आम

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-15 03:38 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। पश्चिम बंगाल की घटना के बाद मेडिकल कॉलेज से संबद्ध जिला अस्पताल में सुरक्षा की दृष्टि से सीसीटीवी कैमरे लगाए गए है, ताकि किसी भी तरह की अप्रिय घटना कैमरे में कैद हो सके। लेकिन जिला अस्पताल के २८ वार्डों में से २६ वार्ड में भर्ती मरीज व नर्सिंग ऑफिसर की सुरक्षा भगवान भरोसे है। गायनिक वार्ड और हड्डी रोग वार्ड के अलावा किसी भी वार्ड में सीसीटीवी कैमरे नहीं है। न ही इन वार्डों में सुरक्षाकर्मियों की ड्यूटी लगाई जाती है।

गौरतलब है कि पांच मंजिला नई बिल्डिंग में कुल २८ वार्ड है। जहां जिला अस्पताल के चार सौ और सिम्स के दो सौ बेड है। यह सभी वार्ड मरीजों से भरे होते है। सिर्फ दो वार्ड छोडक़र अन्य सभी वार्डों में भर्ती मरीज और नर्सिंग ऑफिसरों की सुरक्षा व्यवस्था भगवान भरोसे है। यहां आए दिन विवाद की स्थिति निर्मित होती है। प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा लगातार सीसीटीवी कैमरे लगाने लगातार निर्देश दिए जा रहे है बावजूद इसके मेडिकल कॉलेज प्रबंधन ने कैमरे नहीं लगवाएं है।

वार्ड में सुरक्षाकर्मी भी नहीं रहते

जिला अस्पताल के वार्डों में खासकर रात के वक्त नर्सिंग स्टाफ और मरीजों की सुरक्षा के लिए सुरक्षाकर्मी भी नहीं है। अस्पताल में गार्ड की भर्ती के लिए प्रस्ताव बनाया गया है लेकिन अभी तक नए सुरक्षाकर्मियों की नियुक्ति नहीं हो सकी है।

वार्ड में अक्सर होती है चोरियां

जिला अस्पताल के वार्डों में चोरी की घटनाएं आम है। रात के वक्त अस्पताल में घूमने वाले असामाजिक तत्वों द्वारा भर्ती मरीज और उनके परिजनों के मोबाइल, रुपए चोरी की शिकायत अक्सर सामने आती है। सीसीटीवी कैमरे लगने से इन घटनाओं पर अंकुश लगेगा।

सुरक्षा व्यवस्था पर एक नजर

२८ में से २६ वार्ड में नहीं है कैमरे।

१२० में से ९० कैमरे चालू।

३४ गार्ड कार्यरत, ६० की जरुरत।

क्या कहते हैं अधिकारी

वार्ड के भीतर मेडिकल कॉलेज और परिसर में जिला अस्पताल प्रबंधन को कैमरे लगाना है। वार्डों में सीसीटीवी कैमरे लगाने का कार्य किया जा रहा है, जल्द ही सभी वार्डों में कैमरे लगा दिए जाएंगे। सुरक्षाकर्मियों की भी व्यवस्था बनाई जा रही है।

डॉ.हर्षवर्धन कुड़ापे, आरएमओ, जिला अस्पताल

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