जगन्नाथ यात्रा: रथयात्रा का दूसरा दिन, लखूरन से चौपरन पहुंचे भगवान, जनकपुर में भगवान के स्वागत के लिए सजा मेला, मंगलवार को होगा टीका उत्सव

  • भगवान जगन्नाथ रथ यात्रा का दूसरा दिन
  • लखूरन से चौपरन पहुंचे भगवान
  • जनकपुर में भगवान के स्वागत के लिए सजा मेला

Bhaskar Hindi
Update: 2024-07-08 18:36 GMT

डिजिटल डेस्क, पन्ना। पन्ना की रथयात्रा आज दूसरे दिन लखूरन से चलकर चौपरन पहुंच गई है लखूरन में अलग-अलग रथों में विराजमान बडे भाई बलभद्र, देवी सुभद्रा एवं भगवान जगन्नाथ स्वामी की पुजारियों द्वारा पूजा अर्चना करते हुए शाम को 5 बजे आरती उतारी गई और भगवान जगन्नाथ स्वामी के जय-जयकारो के साथ श्रद्धालुओं द्वारा तीनों रथों को धक्का देकर आगे बढ़ाया गया। लखूरन से शुरू हुई दूसरे दिन रथयात्रा मार्ग स्थित पड़ाव चौपरन पहुंच गई।

इस दौरान जगह-जगह श्रद्धालुओं द्वारा भगवान के साथ आरती उतारी गई और बडी संख्या में दर्शन के लिए नगर एवं ग्रामीण क्षेत्र श्रद्धालुगण पहुंचे। रात्रि में तीनों रथो में सवार भगवान ने चौपरन में विश्राम किया। चौपरन को मंगलवार की शाम 6:30 बजे तीसरे दिन रथयात्रा जनकपुर के लिए प्रस्थान करेगी। भगवान के जनकपुर के आगमन को लेकर जनकपुर में भगवान जगदीश स्वामी का मंदिर सजधज के तैयार है। भगवान के स्वागत को लेकर जनकपुर मेले के रूप में सज गया है। मंगलवार को भगवान रथो में सवार होकर बारतियो के साथ पहुंचे भगवान की स्वागत को लेकर श्रद्धालुजन उत्साहित है और तैयारियां चल रही है।

जनकपुर में भगवान के आगमन को लेकर उत्साह का माहौल है जनकपुर जो पूर्व में गांव था पन्ना नगर पालिका के क्षेत्र में शामिल हो चुका है। जनकपुर में रथयात्रा उत्सव में व्यापारियों की दुकाने सज गई है मेले पहुंचने वाली महिलाओं, पुरूषों व बच्चों की मांग अनुसार मेले में तरह-तरह की दुकाने लग चुकी है इसके साथ ही साथ मेला स्थल में झूले तथा मनोरंजन के दूसरे अन्य साधन भी बाहर से आए व्यापारियों द्वारा लगाये गए है। लोगों को बेसब्री से उस घडी का इंतजार है जब मान्यता अनुसार दूल्हे के रूप में अपने बहिन सुभद्रा एवं बडे भाई बलभद्र के राजसी ठाठ बाट के साथ रथों में सवार होकर पहुंचे भगवान के दर्शन कर वह टीक उत्सव कार्यक्रम में शामिल होगे।

जनकपुर में भगवान के कार्यक्रम

1. 9 जुलाई की शाम को टीका उत्सव

2. 10 जुलाई को सुबह 9:30 बजे मंदिर में विग्रह का प्रवेश

3. 11 जुलाई को धार्मिक कार्यक्रम

4. 12 जुलाई को मंदिर में कथा, पूजन, आरती हवन व भण्डारा

5. 13 जुलाई को लक्ष्मी की सवारी शाम 5 बजे जनकपुर पहुंचेगी

6. 14 जुलाई को भगवान की रथयात्रा से जनकपुर से वापिसी शुरू होगी


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