Satna News: सर्किट हाउस चौक पर कार ने बाइक और स्कूटी को मारी टक्कर, बालक की मौत, 5 माह की बेटी और दम्पति समेत दो छात्राएं भी घायल

  • सतना में बड़ा रोड हादसा
  • कार ने बाइक और स्कूटी को मारी टक्कर
  • 7 साल के बच्चे की मौत

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-08 18:18 GMT

Satna News। सिटी कोतवाली थाना अंतर्गत सर्किट हाउस चौक पर तेज रफ्तार कार ने बाइक और स्कूटी को जोरदार टक्कर मार दी, जिसमें 7 साल के बालक की मौत हो गई, वहीं 5 माह की मासूम समेत 5 लोग घायल हो गए, जिनको इलाज के लिए जिला चिकित्सालय में भर्ती कराया गया है। पुलिस ने बताया कि दिनेश पुत्र स्वर्गीय छोटेलाल यादव 26 वर्ष, निवासी पोंड़ी-पतौड़ा थाना नागौद, अपनी पत्नी निशा यादव 24 वर्ष, पुत्र कृष्ण कुमार यादव 7 वर्ष और 5 माह की बेटी के साथ टिकुरी-बिहरा स्थित ससुराल से बाइक (एमपी 19 एमडी 1708) पर गांव लौट रहा था। तकरीबन साढ़े 5 बजे जैसे ही उनकी बाइक सर्किट हाउस चौक पर पहुंची, तभी पीछे से आई तेज रफ्तार कार क्रमांक यूपी 90 आर 9766 के चालक ने पीछे से जोरदार टक्कर मार दी, जिससे बच्चों समेत दम्पति उछलकर सडक़ पर जा गिरे, तो वहीं भागने के चक्कर में आरोपी ने स्कूटी (एमपी 19 एनबी 3289) सवार दो छात्राओं समेत कार क्रमांक एमपी 19 सीए 7690 और ई-रिक्शा क्रमांक एमपी 19 जेडजी 1975 को भी ठोंक दिया। गनीमत रही कि इनमें बैठे लोगों को कोई चोट नहीं आई।

पुलिस ने पहुंचाया अस्पताल

दुर्घटना होते ही चौराहे पर अफरा-तफरी मच गई, तो वहीं ड्यूटी पर मौजूद ट्रैफिक पुलिस के जवानों ने ऑटो-रिक्शा के जरिए सभी घायलों को आनन-फानन जिला चिकित्सालय पहुंचाया, जहां कुछ देर तक चले उपचार के बाद कृष्ण कुमार ने दम तोड़ दिया। उसके माता-पिता और बहन को भी काफी चोटें आईं, तो दोनों छात्राएं भी बुरी तरह घायल हो गई हैं। भीषण हादसे के बाद आरोपी चालक गाड़ी छोडक़र भाग निकला। पुलिस ने कार को जब्त करने के साथ उसमें बैठे मालिक राजेश सोनी निवासी फतेहगंज-यूपी, को भी हिरासत में ले लिया, जिसे थाने ले जाकर पूछताछ की जा रही है।

आखिर कौन है मासूम का गुनहगार!

सतना शहर के मध्य में स्थित सर्किट हाउस चौक पर हर समय अफरा-तफरी की स्थिति बनी रहती है। ट्रैफिक सिग्नल बंद किए जाने के बाद भी यहां जाम की समस्या से राहत नहीं मिल रही है। पुलिस की मौजूदगी के बावजूद यात्री बसें, टैक्सी और ऑटो-रिक्शा की धमाचौकड़ी चलती रहती है। वाहन चालक कहीं भी गाडिय़ां रोककर सवारियां चढ़ाने-उतारने लगते हैं। तमाम दावों और कार्रवाई के दिखावे के बावजूद ओवर ब्रिज पर बस और ऑटो बेधडक़ रुकते हैं। इतना ही नहीं शहर के अंदर स्पीड लिमिट निर्धारित होने के बाद भी गाडिय़ां तूफानी रफ्तार से दौड़ती नजर आती हैं, जिस पर पुलिस का कोई नियंत्रण नहीं है। जबकि थोड़ी सी समझदारी और सख्ती से हालात बदल सकते हैं। चित्रकूट, नागौद और पन्ना की तरफ जाने वाली बसों को बिरला रोड से बाइपास होकर भेजने पर काफी राहत मिल सकती है, मगर जिम्मेदारों की हठधर्मिता, चौराहे पर फैली अव्यवस्था, कार्रवाई के नाम पर दिखावे और लापरवाही ने एक मां से उसका बेटा छीन लिया। वह असहाय होकर अपनी आंखों के सामने जिगर के टुकड़े को खून से लथपथ हालत में गोद में लिटाकर विलाप करने के सिवाय कुछ नहीं कर पाई।

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