रिकॉर्ड रजिस्ट्रियां: कलेक्टर गाइडलाइन में 1 अप्रैल से हो रही बढ़ोतरी के कारण रिकॉर्ड रजिस्ट्रियां, शासन का टारगेट भी पीछे छूटा

  • पंजीयन विभाग में रजिस्ट्री की लगी कतार
  • इस बार शासन के टारगेट को भी पीछे छोड़ दिया
  • शासन ने 201 करोड़ का टारगेट दिया था

Bhaskar Hindi
Update: 2024-03-24 03:47 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। वित्तीय वर्ष खत्म होने के पहले पंजीयन विभाग में रजिस्ट्री की कतार लगी हुई है। पिछले सारे रिकॉर्ड तोड़ते हुए पंजीयन विभाग ने इस बार शासन के टारगेट को भी पीछे छोड़ दिया है। रियल स्टेट कारोबार में आए बूम के चलते ये हालात बने हैं। हालांकि जानकार ये भी मान रहे हैं कि 1 अप्रैल से कलेक्टर गाइडलाइन में हो रही बढ़ोतरी भी इसका बड़ा कारण हैं।

जिला मूल्यांकन समिति की अनुशंसा के बाद जिले में कलेक्टर गाइडलाइन में बढ़ोतरी होना तय हो चुका है। औसतन साढ़े 8 फीसदी तक कलेक्टर गाइडलाइन जिले में बढ़ेगी। जिसका असर रजिस्ट्री में हुई बढ़ोतरी में देखा जा रहा है। अब तक 26 हजार 857 दस्तावेजों का पंजीयन हो चुका है। जबकि पिछले साल पूरे वित्तीय वर्ष में 25 हजार 583 दस्तावेजों का पंजीयन हुआ था। अभी भी वित्तीय वर्ष खत्म होने में पूरा एक सप्ताह का समय है। दो दिन अवकाश के बाद बाकी सभी दिनों में रजिस्ट्रियां होगी।

शासन के टारगेट को पीछे छोड़ा

इस वित्तीय वर्ष में शासन ने पंजीयन विभाग को 201 करोड़ का टारगेट दिया था। इस टारगेट को पीछे छोड़ते हुए 206.95 करोड़ की वसूली हो चुकी है। जबकि पिछले वित्तीय वर्ष में पंजीयन विभाग ने 179.14 करोड़ रुपए की आय अर्जित की थी। अनुमान है कि 210 करोड़ रुपए की वसूली वित्तीय वर्ष के खत्म होने तक हो जाएगी।

बढ़ोतरी की वजह...

इस बार खनिज लीज भी ज्यादा हुई बताया जा रहा है कि इस बार 25 करोड़ रुपए खनिज लीज की रजिस्ट्री से ही पंजीयन विभाग ने कमाए हैं। रियल स्टेट कारोबार में भी इस बार उछाल आया है। जिसके कारण नए निवेश क्षेत्र में काटी गई कॉलोनियों केे कारण पंजीकृत दस्तावेजों में बढ़ोतरी हुई है।

जिला पंजीयक उपेंद्र झा का कहना है कि 201 करोड़ के टारगेट के विपरीत अभी तक 206 करोड़ रुपए की आय हो चुकी है। वित्तीय वर्ष खत्म होने तक इसमें और बढ़ोतरी होना तय है।

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