Panna News: बरसाती वनस्पति, पूजन सामग्री, दुर्गा जी की विसर्जित की गई मूर्तियों के मलबे से पटा पडा पुन्नहाई तालाब, के जीर्णोद्धार की उठी मांग

  • पन्ना के मोहन्द्रा गांव में स्थित है प्राचीन पुन्नहाई तालाब
  • भीषण गर्मी में भी नहीं सूखता तालाब
  • बरसाती वनस्पति और दुर्गा जी की विसर्जित की गई मूर्तियों के मलबे से पटा पडा

Bhaskar Hindi
Update: 2024-10-16 19:57 GMT

Panna News। कस्बे के प्रमुख शिवालयों में से एक पुन्नहाई का तालाब इस समय बरसाती वनस्पति, पूजन सामग्री व हाल ही में गणेश जी और दुर्गा जी की लोगों द्वारा विसर्जित की गई मूर्तियों से मलवा पटा पडा हुआ है। जंगल और पहाड़ी के किनारे होने के कारण सुबह-सुबह यहां सैकड़ो लोग व्यायाम, सैर और ताजी हवा लेने आते हैं। पुन्नहाई के तालाब की खासियत यह है कि यह कभी सूखता नहीं है।

इस साल पड़े भीषण सूखे के बाद जब कस्बे के सभी तालाब और अन्य जल स्त्रोत सूख गए थे तब भी यहां पानी बना रहा। सूखे के बीच, बीज खराब हो जाने के डर से यहां सिंघाड़ा लगा देने के कारण स्थानीय लोग खासे नाराज भी हैं। सैकड़ों साल पुराना यह तालाब करीब तीन हेक्टेयर भूमि में बना है। कई साल पहले मंदिर के किनारे घाट का निर्माण हुआ था जो अब जीर्ण शीर्ण हालत में है। शाम ढलते ही यहां सुरा प्रेमियों का जमावड़ा लग जाता है इनके द्वारा फेंकी गई शराब की सैकड़ो बोतल और मांस, मछली खाने में उपयोग हुई थालियां आसपास के प्राकृतिक वातावरण को धीरे-धीरे गंदगी में बदल रही है।

इसी से लगा हुआ अंचल का एकमात्र भगवान श्री गणेश का स्थान भी है। कुछ दिनों पूर्व एक पेड़ मां के नाम अभियान के तहत वृक्षारोपण हेतु आए पवई विधायक प्रहलाद लोधी ने पुन्नहाई मंदिर प्रांगण में ग्रीन जिम खोलने की घोषणा भी की थी। सावन के महीने में यहां प्रतिदिन हजारों लोग पहुंचते हैं हालांकि कस्बे में शिवलिंग निर्माण के दौरान सैकड़ों टन मिट्टी भी तालाब में विसर्जन के बहाने डाली जाती है।

इनका कहना है....

  • पुन्नहाई का तालाब हमारे यहां की प्राचीन धरोहर है इसे गंदगी से बचाए जाने प्रयास होना चाहिए। पूजा सामग्री विसर्जन की व्यवस्था अलग से होना चाहिए।

- संगीता अग्रवाल, भाजपा नेत्री

  • पहाड़ी किनारे जलाशय बना होने के कारण यहां की प्राकृतिक खूबसूरती देखने लायक है। इसे मोहन्द्रा का भ्रमण लायक स्थानों की श्रेणी मेें रखकर इसका विकास होना चाहिए।

- पुरुषोत्तम पाण्डेय, व्यवसायी

  • तालाब को सौंदर्यीकरण की जरूरत है इसमें सिंघाड़ा नहीं लगना चाहिए।

- रामरतन चौरसिया, समाजसेवी

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