मौसम की मार: वायरल और उल्टी दस्त के पेशेंट बढ़े, ओपीडी में मरीजों की लम्बी कतार

  • मेल-फीमेल मेडिकल और शिशु वार्ड मरीजों से फुल
  • दर्जनों बच्चे तेज बुखार,उल्टी-दस्त से लुस्त हालत में पहुंच रहे अस्पताल
  • यह लक्षण हो सकते हैं गंभीर

Bhaskar Hindi
Update: 2024-09-10 03:36 GMT

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। मौसम में लगातार हो रहे बदलाव से वायरल फीवर और डायरिया के मरीज बढ़े है। खान-पान में लापरवाही से लोग डायरिया का शिकार हो रहे है। पेट के संक्रमण के मरीजों की तादाद भी बढ़ी है। जिला अस्पताल की ओपीडी से लेकर वार्ड तक मरीजों की भीड़ देखी जा सकती है। बड़े बुजुर्गों से लेकर बच्चों तक सभी वायरल फीवर से जूझ रहे है। सोमवार को जिला अस्पताल की ओपीडी में १२३२ मरीज इलाज के लिए पहुंचे थे। इनमें से १८४ मरीजों को भर्ती कर इलाज दिया गया।

शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. हर्षवर्धन कुड़ापे ने बताया कि रोजानादर्जनों बच्चे तेज बुखार और उल्टी-दस्त से लुस्त हालत में अस्पताल पहुंच रहे है। जिन्हें वार्ड में भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है। तेज बुखार, सर्दी-खांसी, उल्टी-दस्त, शरीर व पेट में दर्द से पीडि़त बच्चों से शिशु वार्ड और पीआईसीयू फुल हो चुके है। हर पेशेंट को दो से तीन दिन भर्ती कर इलाज दिया जा रहा है। जिला अस्पताल का बच्चा वार्ड और मेडिकल वार्ड भरा हुआ है।

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उल्टी-दस्त होने पर लापरवाही न बरतें

चिकित्सकों के मुताबिक उल्टी-दस्त होने पर शरीर में पानी की कमी हो जाती है। डिहाइड्रेशन से पेशेंट की जान को खतरा हो सकता है। इसीलिए उल्टी-दस्त होने पर लापरवाही बिल्कुल न बरतें। खासकर बच्चों को डायरिया की शिकायत होने पर चिकित्सकीय इलाज जरुर कराएं।

मेल और फीमेल वार्ड मरीजों से भरा

मौसमी बीमारियों से बच्चों के साथ-साथ बड़े भी प्रभावित है। तेज बुखार, हाथ पैरों में जकडऩ, शरीर दर्द, कमजोरी और उल्टियां होने जैसी समस्याओं से पीडि़त मरीजों से फीमेल और मेल ओपीडी फुल है।

यह लक्षण हो सकते हैं गंभीर

१०२ डिग्री तक बुखार लगातार बने रहना।

बुखार के साथ उल्टी-दस्त होना।

मरीज को कमजोरी और सुस्ती आना।

तेज बुखार के साथ झटके आना।

(यह लक्षण दिखने पर इलाज में देरी न करें।)

इन बातों का रखें ख्याल

खुली खाद्य सामग्रियों का सेवन न करें।

फीवर आने पर ठंडे पानी की पट्टी रखें।

ताजा भोजन का सेवन करें।

पानी उबालकर पिएं।

पानी और तरल पदार्थ का अधिक सेवन करें।

भोजन से पहले साबुन से हाथ धोएं।

ओपीडी में बीमार बच्चों की संख्या

दिनांक ओपीडी

०२ सितम्बर ८३

०३ सितम्बर ७९

०४ सितम्बर ६५

०५ सितम्बर ७०

०६ सितम्बर ६०

०७ सितम्बर ५९

०८ सितम्बर रविवार

०९ सितम्बर ७४

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