एसी कोच में यात्रियों को दे रहे गंदे बेडरोल: आरामदायक यात्रा के लिए एसी कोच में रिजर्वेशन कराने के बाद भी परेशान हो रहे यात्री
- बेडरोल की सफाई नहीं
- कोच से निकलते समय निकासी द्वार के पास बेडरोल का बंडल पड़ा रहता है
- निकलते समय एक यात्री गिरते-गिरते बचे
डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। ट्रेन में आरामदायक यात्रा के लिए यात्री एसी कोच में रिजर्वेशन कराते हैं। लेकिन जब एसी कोच में ही हाईजीन का ख्याल नहीं रखा जाए तो यात्री अपने आप को ठगा महसूस करते हैं। महंगी टिकट खरीदकर एसी कोच में यात्रा करने के बाद भी यात्रियों को परेशान होना पड़ रहा है।
यात्रियों के अनुसार सिवनी से फिरोजपुर के बीच चलने वाली पातालकोट एक्सप्रेस में एसी कोच में सफाई का आभाव बड़ी समस्या है। इसके अलावा एसी कोच में यात्रा करने वाले यात्रियों को अक्सर गंदे बेडरोल पकड़ा दिए जाते हैं। यात्रियों का कहना है कि एसी कोच में जो बेडरोल दिया जाता है वह साफ सुथरा होना चाहिए और पैकेट में पैक होना चाहिए। लेकिन अक्सर यात्रियों को खुले पैकेट में बेडरोल पकड़ा दिए जाते हैं जिसमें मटमैले चादर होते हैं। वहीं पातालकोट एक्सप्रेस के एसी कोच के गेट के पास ही बेडरोल के बंडल लगा दिए जाते हैं, जिससे यात्रियों को निकलने में परेशानी आती है।
बेडरोल की सफाई का यह नियम
एसी कोच में सफर करने वाले यात्रियों को रेलवे की तरफ से एक बोडरोल दिया जाता है, जो कि कायदे से साफ सुथरा होना चाहिए और लिफाफे में पैक मिलना चाहिए। एसी कोच में बेडरोल में हर यात्री को एक तकिया, दो चादर, एक कंबल और एक छोटा तौलिया मिलता है। रेलवे नियमों के अनुसार कंबल को निश्चित समयावधि में ड्राई क्लीन कराया जाना चाहिए एवं लिनेन की चादर, तकिया कवर और तौलिया हर बार इस्तेमाल के बाद धोए जाने चाहिए।
इनका कहना है
पातालकोट एक्सप्रेस में एसी सेकेंड से पिछले दिनों छिंदवाड़ा से दिल्ली गया था। एसी कोच में भी सफाई का अभाव रहा। रेलवे अधिकारियों को अवगत कराया, तब जाकर जामई तक के सफर के बाद कोच की सफाई की गई। कोच में अक्सर गंदे बेडरोल दिए जोन की भी शिकायत आती है। इसके अलावा कोच से निकलते समय निकासी द्वार के पास बेडरोल का बंडल पड़ा रहता है, जिसके कारण यात्रियों और खासकर महिलाओं और बुजुर्गों को वहां से निकलने में परेशानी आती है।
-सत्येंद्र ठाकुर, जोनल सदस्य, दक्षिण पूर्व मध्य रेलवे
पातालकोट एक्सप्रेस से भोपाल तक की यात्रा की थी। यात्रियों को दिए गए बेडरोल साफ व स्वच्छ थे। लेकिन एसी थ्री कोच के टॉयलेट बहुत गंदे थे। गेट के पास ही बेडरोल का बंडल बनाकर बीच में रख दिया गया था। वहां से निकलते समय एक यात्री गिरते-गिरते बचे।
-मुकुल सोनी, वरिष्ठ अधिवक्ता