शिक्षक समाज निर्मता एवं मार्गदर्शक होते हैं – पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल शिक्षक दिवस के अवसर पर एक लाख डिजिटल नशामुक्ति का लिया गया संकल्प!

डिजिटल नशामुक्ति शिक्षक समाज निर्मता एवं मार्गदर्शक होते हैं – पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल शिक्षक दिवस के अवसर पर एक लाख डिजिटल नशामुक्ति का लिया गया संकल्प!

Bhaskar Hindi
Update: 2021-09-06 09:43 GMT

डिजिटल डेस्क | रीवा शिक्षक दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में नशामुक्त सशक्त भारत अभियान अन्तर्गत एक लाख डिजिटल नशामुक्ति का संकल्प लिया गया। सिंधु भवन में आयोजित कार्यक्रम में सामाजिक और शिक्षा के क्षेत्र में उत्कृष्ट कार्य करने वाले प्रबुद्धजनों को सम्मानित किया गया। जय महाकाल सेवा संघ के तत्वाधान में आयोजित कार्यक्रम में मुख्य अतिथि पूर्व मंत्री एवं विधायक श्री राजेन्द्र शुक्ल रहे। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि आज के दिन देश के पहले उपराष्ट्रपति और महान शिक्षाविद डॉक्टर सर्वपल्ली राधाकृष्णन का जन्म हुआ था जो एक शिक्षक थे। सर्वपल्ली राधाकृष्णन भारतीय संस्कृति के संवाहक, प्रख्यात शिक्षाविद और महान दार्शनिक थे।

5 सितंबर 1888 को तमिलनाडु के छोटे से गांव तिरुमनी में जन्मे डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन को 27 बार नोबेल पुरस्कार के लिए नामित किया गया था। 1954 में उन्हें भारत रत्न से सम्मानित किया गया। उन्होंने अपने छात्रों से जन्मदिन को शिक्षक दिवस के रूप में मनाने की इच्छा जताई थी इसलिए इस दिन को भारत में शिक्षक दिवस के रूप में मनाया जाता है। श्री शुक्ल ने कहा कि डॉ. राधाकृष्णन कहते थे कि शिक्षक वह है जो विद्यार्थी में तथ्यों को न भरें बल्कि भविष्य की चुनौतियों के लिए तैयार करे। शिक्षक हमारे समाज का निर्माण करते हैं। वहीं हमारे मार्गदर्शक होते हैं। शिक्षक का स्थान माता पिता से भी ऊंचा होता है।

माता-पिता बच्चे को जन्म जरूर देते हैं लेकिन शिक्षक उसके चरित्र को आकार देकर उज्जवल भविष्य की नींव तैयार करते हैं। इसलिए हम चाहें कितने भी बड़े क्यों न हो जाए हमें अपने शिक्षकों को कभी नहीं भूलना चाहिए तथा उनका सम्मान करना चाहिए। शिक्षक दिवस हमें शिक्षकों के प्रति सम्मान रखने की प्रेरणा देता है। यह हमें सिखाता है कि शिक्षक के सान्निध्य में ही हम कुछ कर सकेंगे। कार्यक्रम में कलेक्टर डॉ. इलैयाराजा टी ने शिक्षक दिवस की शुभकामनाएँ देते हुए कहा कि शिक्षक का मतलब सिर्फ पढ़ाने वाले शिक्षक ही नहीं हैं बल्कि जिससे हमे शिक्षा मिले वह शिक्षक है।

उन्होंने युवाओं का आह्वान किया कि अपना कैरियर बनाने के लिए किसी को आदर्श बनाये तथा उनके बताये रास्ते पर चलने की कोशिश करें। कलेक्टर ने युवाओं से शिक्षकों के प्रति सम्मान व समर्पण की भावना रखने की बात कही। उन्होंने सोशल मीडिया के कम से कम उपयोग करने तथा इसका सही दिशा में उपयोग की सलाह दी। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन नशामुक्ति अभियान प्रभारी व विघ्नहर्ता संस्थान के प्रमुख कमलेश्वर द्विवेदी ने दिया। कार्यक्रम का संचालन जय महाकाल सेवा संघ के देवेन्द्र द्विवेदी द्वारा किया गया तथा आभार प्रदर्शन जितेन्द्र चतुर्वेदी ने किया। कार्यक्रम के प्रारंभ में देशभक्ति गीतों की प्रस्तुति हुई।

इस अवसर पर डॉ. के. के. परौहा, महाराजा ग्रुप चेयरमैन देवेंद्र सिंह, पेंटियम पॉइंट डायरेक्टर बी.एन. त्रिपाठी, वरिष्ठ समाजसेवी डॉ. प्रभाकर चतुर्वेदी, योगविधा में गोल्डमेडलिस्ट सुवर्णा चतुर्वेदी, जितेंद्र चतुर्वेदी, कवि राधाकांत पांण्डेय, कमलेश्वर द्विवेदी, अरविंद शर्मा कैंसर वेलफेयर सोसाइटी चेयर पर्सन भारती शर्मा, डॉ. अक्षत श्रीवास्तव, सी.एम.एच.ओ. डॉ बी.एल. मिश्रा, के. के. मिश्रा बी.डी. मिश्रा, एस.के. त्रिपाठी, अवनीश तिवारी, राजराखन पटेल, डॉ विनोद तिवारी, असद खान एवं रावेन्द्र द्विवेदी का सम्मान किया गया।

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