पराली की समस्या के हल के लिए बायोमास प्रोजेक्टों पर विशेष बल देने की है जरुरत : राज्य नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री वेरका
पराली बायोमास पराली की समस्या के हल के लिए बायोमास प्रोजेक्टों पर विशेष बल देने की है जरुरत : राज्य नवीकरणीय ऊर्जा मंत्री वेरका
डिजिटल डेस्क, चंडीगढ़। पंजाब के नवीकरणीय ऊर्जा और सामाजिक न्याय मंत्री डॉ. राज कुमार वेरका ने पराली की समस्या के हल के लिए बायोमास प्रोजैक्ट स्थापित करने की ज़रूरत पर ज़ोर दिया है। डॉ. वेरका ने आज यहां कहा कि बिजली की बढ़ती माँग और पानी, कोयला आदि जैसे प्राकृतिक संसाधनों की कमी से निपटने के लिए नवीकरणीय ऊर्जा को अधिक से अधिक प्रयोग में लाए जाने की ज़रूरत है।
बिजली की लगातार बढ़ती माँग और पराली की समस्या से निपटने के लिए सरकार ने सौर ऊर्जा पर अधिक से अधिक ध्यान केन्द्रित करने की दिशा में कदम उठाए हैं। डॉ. वेरका के अनुसार सौर ऊर्जा के 729.17 मेगावाट के प्रोजैक्ट स्थापित हो चुके हैं और 58.75 मेगावाट के प्रोजैक्ट प्रगति पर हैं। नवीकरणीय ऊर्जा के प्रोजेक्टों में बायोमास को-जनरेशन पावर प्रोजैक्ट 458.07 मेगावाट और बायोमास पावर प्रोजैक्ट 97.5 मेगावाट शामिल हैं। तेईस बायो सी.एन.जी. प्रोजैक्ट निर्माणाधीन हैं। इनसे कुल 260 टन कम्प्रेस्ड बायोगैस (सी.बी.जी) पैदा होगी।
इनमें एशिया का सबसे बड़ा सी.बी.जी प्रोजैक्ट भी शामिल है जिसकी क्षमता 33.23 टन सी.बी.जी प्रति दिन है। ये प्रोजैक्ट लहरागागा तहसील में लगाया जा रहा है और यह दिसंबर में चालू हो जायेगा। इसके अलावा एच.पी.सी.एल. तेल कंपनी द्वारा बायो इथनोल प्रोजैक्ट बठिंडा जिले के तलवंडी साबो में निर्माणाधीन है जो फरवरी, 2023 तक शुरू हो जायेगा और इसमें रोज़ाना 500 टन पराली की खपत होगी। उन्होंने बताया कि अब तक राज्य में नवीकरणीय ऊर्जा के 1700.77 मेगावाट की क्षमता के प्रोजैक्ट लगाए जा चुके हैं और 184.12 मेगावाट क्षमता के अन्य प्रोजैक्ट लगाए जा रहे हैं। अब तक 815.5 मेगावाट क्षमता के ग्राउंड माउंटेड, 136.1 मेगावाट क्षमता के रूफटॉप और 20 मेगावाट क्षमता के कैनाल टॉप सौर ऊर्जा प्रोजैक्ट कार्यशील हो चुके हैं। डॉ. वेरका के अनुसार अकेले सौर ऊर्जा के 729.17 मेगावाट के प्रोजैक्ट स्थापित हो चुके हैं और 58.75 मेगावाट के प्रोजैक्ट प्रगति अधीन हैं।
नवीकरणीय ऊर्जा के प्रोजेक्टों में बायोमास को-जनरेशन पावर प्रोजैक्ट 458.07 मेगावाट और बायोमास पावर प्रोजैक्ट 97.5 मेगावाट शामिल हैं। 23 बायो सी.एन.जी. प्रोजैक्ट निर्माणाधीन हैं। इनसे कुल 260 टन कम्प्रेस्ड बायोगैस (सी.बी.जी) पैदा होगी। इनमें एशिया का सबसे बड़ा सी.बी.जी प्रोजैक्ट भी शामिल है जिसकी क्षमता 33.23 टन सी.बी.जी प्रति दिन है। ये प्रोजैक्ट लहरागागा तहसील में लगाया जा रहा है और यह दिसंबर में चालू हो जायेगा। इसके अलावा एच.पी.सी.एल. तेल कंपनी द्वारा बायो इथनोल प्रोजैक्ट बठिंडा जिले के तलवंडी साबो में निर्माणाधीन है जो फरवरी, 2023 तक शुरू हो जायेगा और इसमें रोज़ाना 500 टन पराली की खपत होगी। उन्होंने लोगों को अपने घरों में सौर ऊर्जा प्लांट लगाने के लिए सुझाव दिया और कहा कि इससे जहाँ लोगों को महँगी बिजली से राहत मिलेगी, वहीं कोयले जैसे स्रोत की भी बचत हो सकेगी।
(वार्ता)