कार्यक्रम ने बिखेरी अद्विका के चेहरे पर मुस्कान "सफलता की कहानी"!
राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम ने बिखेरी अद्विका के चेहरे पर मुस्कान "सफलता की कहानी"!
डिजिटल डेस्क | रीवा शिशु का जन्म घर में खुशियां लेकर आता है। शिशु के निश्छल चेहरे को भगवान का रूप माना जाता है। शिशु सबके आकर्षण का केन्द्र होता है। लेकिन कुछ शिशुओं में जन्मजात बीमारियां होती हैं जिनके कारण उनका जीवन थोड़ा कठिन हो जाता है। इस कठिनाई को दूर करने का काम राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम से किया जा रहा है। इस योजना से 17 वर्ष तक की आयु के बालक-बालिकाओं को जन्मजात ह्मदय रोगों के उपचार की नि:शुल्क सुविधा दी जाती है। साथ ही कटे-फटे होठ एवं जुड़े तालू वाले बालकों को भी नि:शुल्क ऑपरेशन की सुविधा देकर उनके दोषपूर्ण अंगों को ठीक किया जाता है। इस योजना से रीवा शहर के निपनिया मोहल्ले के दो वर्षीय बालक अद्यिका पाण्डेय के कटे-फटे होठ का सफल ऑपरेशन हुआ।
अब यह बालक पूरी तरह से स्वस्थ है। इसके चेहरे की सभी विकृतियां पूरी तरह से ठीक हो गई हैं। सामान्य बालक की तरह इसके होठों पर निश्छल मुस्कान तैर रही है। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य कार्यक्रम के जिला कार्यक्रम प्रबंधक उपेन्द्र शुक्ला ने बताया कि सर्वे के तहत अद्यिका के संबंध में जानकारी मिली। उनके पिता प्रवेश पाण्डेय को योजना के संबंध में जानकारी देकर अद्यिका के ऑपरेशन के लिये तैयार किया गया। प्रारंभिक जांच जिला चिकित्सालय रीवा में की गई। इसके बाद अद्यिका का ऑपरेशन लाहौटी हास्पिटल भोपाल में कराया गया। अभी अद्यिका के होठों का ऑपरेशन किया गया है। इसके 6 महीने बाद अद्यिका के तालू का भी ऑपरेशन किया जायेगा। राष्ट्रीय बाल स्वास्थ्य योजना से जिले में इस वर्ष 27 बच्चों का नि:शुल्क ऑपरेशन कराया गया है।