Seoni News: गायब मिले बंधक प्लाट, नाप-जोख करने पहुंची टीम लौटी बैरंग
- शहर से लगे डोरली छतरपुर स्थित ड्रीमलैण्ड सिटी का मामला
- एसडीएम ने जारी किया था 103 प्लाटों की नीलामी का आदेश
- एलआईजी भूखण्डों के रूप में परिवर्तित करा लिया गया है
डिजिटल डेस्क, सिवनी। बड़े-बड़े सब्जबाग दिखाकर शहर में कालोनाइजर्स लोगों को किस तरह बेवकूफ बना रहे हैं, इसका ताजा उदाहरण मंगलवार को एक बार फिर सामने आया है। 14 दिसंबर 2012 में ड्रीमलैण्ड सिटी पार्ट-2 की कालोनी विकास अनुमति लेने वाली फर्म रामदेव बाबा एण्ड पदमावती डेवलपर्स, डोरली छतरपुर सिवनी द्वारा विकास कार्य न कराए जाने पर एसडीएम सिवनी न्यायालय द्वारा 12 जनवरी 24 को उक्त कालोनी के 103 बंधक प्लाटों की नीलामी कर विकास कार्य कराए जाने के आदेश तहसीलदार को जारी किए गए थे। तहसीलदार मीना दशरिये द्वारा गठित आरआई व पटवारियों की टीम मंगलवार को जब बंधक प्लाटों की नापजोख करने ड्रीमलैण्ड सिटी पहुंची तो वहां बंधक प्लाट ही गायब पाए गए। यह उजागर हुआ है कि कालोनाइजर पंकज मालू द्वारा ड्रीमलैण्ड सिटी पार्ट 2 का लेआउट ही उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश छिंदवाड़ा से संशोधित करा लिया गया है। 411 प्लाटों वाली ड्रीमलैण्ड सिटी पार्ट 2 को दो हिस्सों पार्ट-1 विजय बोरूदिया वगैरह एवं पार्ट-2 पंकज मालू वगैरह के नाम से अनुमोदित कराने की जानकारी सामने आने पर भौंचक आरआई व पटवारियों की टीम भौंचक रह गई। इतना ही नहीं पूर्व अभिन्यास के 133 बंधक भूखण्डों में से कई भूखण्डों को ईडब्ल्यूएस एवं एलआईजी भूखण्डों के रूप में परिवर्तित करा लिया गया है।
ये है पूरा मामला
जानकारी के अनुसार डोरली छतरपुर स्थित ड्रीमलैण्ड सिटी पार्ट 2 का लेआउट संयुक्त संचालक नगर तथा ग्राम निवेश छिंदवाड़ा से 3 मार्च 2012 को फर्म रामदेव बाबा एण्ड पदमावती डेवलपर्स ने पास कराया था। उसके आधार पर एसडीएम सिवनी से कालोनी विकास की अनुमति 14 दिसंबर 12 को प्राप्त की गई। विकास अनुमति के अनुसार 103 भूखण्ड ग्राम पंचायत डोरली छतरपुर के पास बंधक रखे गए। कालोनी का विकास 2015 तक तीन वर्ष में करना था। 2022 तक विकास न होने पर सोनू खुशलानी निवासी ड्रीमलैण्ड सिटी द्वारा 7 सितंबर 22 को एसडीएम को शिकायत की गई। जिस पर न्यायालय एसडीएम के यहां प्रकरण पंजीबद्ध किया जाकर दोनों पक्षों को सुना गया। सुनवाई के दौरान कालोनाइजर पंकज मालू द्वारा शपथ-पत्र पेश कर 6 माह के अंदर कालोनी का विकास कार्य पूर्ण करने का शपथ पत्र पेश किया गया। न्यायालय द्वारा समय दिए जाने के उपरांत भी जब विकास कार्य नहीं किया गया, तब 17 अक्टूबर 23 को पुन: शिकायत की गई, जिस पर 12 जनवरी 24 को उक्त कालोनी के 103 बंधक भूखण्ड नीलाम कर शेष विकास कार्य पूर्ण करने के आदेश तहसीलदार सिवनी को एसडीएम न्यायालय द्वारा दिए गए। जिस पर तहसीलदार सिवनी ने कई समंस जारी कर कालोनाइजर को बंधक भूखण्डों के साइज(माप) न्यायालय में प्रस्तुत करने निर्देशित किया गया, किन्तु उनके द्वारा भूखण्डों की मापसूची प्रस्तुत नहीं की गई। इस पर शिकायतकर्ता द्वारा प्राइवेट इंजीनियर से बंधक भूखण्डों के साइज की सूची अनुमोदित नक्शे से तैयार कर तहसीलदार को प्रस्तुत की गई। जिसकी साइज की पुष्टि हेतु तहसीलदार ने 4 आरआई एवं 4 पटवारियों का दल गठित कर आज 8 अक्टूबर 24 को मौके पर सीमांकन करने भेजा था, जिसे लेआउट संशोधित कराए जाने की जानकारी सामने आने पर बैरंग लौटना पड़ा।
प्रकरण चलता रहा, लेआउट संशोधन की नहीं दी गई जानकारी
इस मामले में यह भी सामने आया है कि एसडीएम कार्यालय में प्रकरण चलता रहा, लेकिन कालोनाइजर द्वारा यह तथ्य छिपाया गया कि 2 मार्च 22 को ही उप संचालक नगर तथा ग्राम निवेश से लेआउट संशोधित कराकर दो हिस्से कर दिए गए हैं। संशोधन के बाद 6 माह में विकास कराने का शपथ पत्र भी दिया गया। एसडीएम न्यायालय ने इस साल 12 जनवरी 2024 को प्लाटों को नीलाम करने का आदेश दिए जाने पर भी संशोधन से एसडीएम व तहसीलदार न्यायालय को अवगत नहीं कराया गया। कालोनाइजर द्वारा कलेक्टर न्यायालय में एसडीएम सिवनी के आदेश के विरूद्ध 5 सितंबर 24 को अपील प्रस्तुत कर स्थगन मांगा गया, जिसमें भी उक्त तथ्य को छिपाया गया। जानकारी के अनुसार कलेक्टर न्यायालय ने 8 महीने विलंब से अपील प्रस्तुत करने का कारण स्पष्ट न करने के कारण सोमवार 7 अक्टूबर को अपील खारिज कर दी।
इनका कहना है
बंधक प्लाटों केे सीमांकन के लिए आरआई व पटवारियों का दल गठित किया गया है। मंगलवार को यह दल मौके पर पहुंचा था। सीमांकन न किए जाने को लेकर अभी प्रतिवेदन प्रस्तुत नहीं किया गया है। ड्रीमलैण्ड सिटी 2 का लेआउट संशोधन कराकर दो हिस्से किए जाने की जानकारी संज्ञान में लाई गई है।
- मीना दशरिये, तहसीलदार, सिवनी