मध्य प्रदेश: मकान तोड़ने की कार्यवाही की जानकारी नहीं देना तहसीलदार को पड़ा महंगा

राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने लगाया 25 हजार का जुर्माना

Bhaskar Hindi
Update: 2024-01-26 16:01 GMT

डिजिटल डेस्क, भोपाल। गुना जिले के ग्रामीण क्षेत्र में एक महिला को मकान तोड़ने की कार्रवाई की जानकारी नहीं देना गुना के पूर्व तहसीलदार को महंगा पड़ गया। तहसीलदार ने ना तो राजस्व के नियम के तहत और ना ही आरटीआई आवेदन में जानकारी दी। गुरूवार को राज्य सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव के विरुद्ध ₹25 हजार का जुर्माना लगाया है। श्रीवास्तव वर्तमान में खरगोन में पदस्थ हैं।

दरअसल गुना के मालपुर रोड ग्रामीण इलाके की सकी बाईं ने आरटीआई आवेदन मार्च 2021 मे दायर कर अपने पति के नाम से दर्ज मकान तोड़ने की कार्रवाई की जानकारी तहसील कार्यालय गुना से मांगी थी। श्रीमती सकी बाईं ने आयोग को बताया कि मकान तोड़ने पर जुर्माने की ₹5000 की रसीद उनके नाम पर बनाई गई जबकि मकान उनके पति के नाम पर था और उन्हें कोई नोटिस भी नहीं मिला था। सकी बाईं ने आयोग के समक्ष यह भी आरोप लगाया कि तहसील कार्यालय ने उनसे ₹3 लाख रिश्वत ली थी। तत्कालीन तहसीलदार संदीप श्रीवास्तव ने श्रीमती सखी भाई को आरटीआई आवेदन में जानकारी यह कहते हुए नहीं दी कि वह राजस्व के नियम के तहत आवेदन देकर नकल प्राप्त करे।

आयोग ने नहीं खारिज की तहसीलदार की दलील

आयोग ने संदीप श्रीवास्तव को ₹25 हजार जुर्माने का कारण बताओं नोटिस जारी किया तो संदीप श्रीवास्तव ने राजस्व के नियम के साथ कई कोर्ट आर्डर का हवाला देते हुए आयोग को जवाब दिया उनके कार्यालय में आरटीआई अधिनियम के तहत नकल देना प्रभावी नहीं होगा क्योंकि वहां राजस्व के नियम के तहत पहले सी नकल देने की व्यवस्था है एवं पूर्व में आवेदिका को नकल दी जा चुकी है। सखी बाईं ने इनकार किया कि उन्हें किसी भी तरह का कोई नकल संदीप श्रीवास्तव द्वारा उपलब्ध कराई गई थी। वही संदीप श्रीवास्तव इस बात का कोई सबूत भी आयोग के सामने नहीं रख पाए की विभाग के नियम के तहत उन्होंने कोई नकल सखी भाई को उपलब्ध कराई थी।

सूचना आयुक्त राहुल सिंह ने संदीप श्रीवास्तव द्वारा दिए दलील को खारिज कर दिया। सिंह ने कहा कि अन्य कोर्ट के ऑर्डर इस प्रकरण विशेष में लागू नहीं होते हैं क्योंकि अधिकारी विभाग के नियम के तहत भी नकल नहीं दे रहे हैं और आरटीआई आवेदन में भी नकल नहीं दे रहे हैं, आखिर आम आदमी जानकारी के लिए कहा जाए।

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