लोकार्पण: विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर संतोष चौबे का कविता संग्रह "घर बाहर" हुआ लोकार्पित

  • कविता संग्रह की श्रृंखला में संतोष चौबे का यह चौथा कविता संग्रह है।
  • लोकार्पण समारोह का संचालन वनमाली कथा के संपादक युवा कथाकार कुणाल सिंह द्वारा किया गया।

Bhaskar Hindi
Update: 2024-02-22 08:29 GMT

डिजिटल डेस्क, दिल्ली। हिंदी साहित्य के प्रतिष्ठित कवि–कथाकार– उपन्यासकार संतोष चौबे के कविता संग्रह 'घर बाहर' का लोकार्पण दिल्ली में आयोजित किए जा रहे विश्व पुस्तक मेले के लेखक मंच पर समारोह पूर्वक किया गया है। यह समारोह 'विश्व रंग' के अंतर्गत आईसेक्ट पब्लिकेशन द्वारा आयोजित किया गया।

मध्यप्रदेश निजी विश्वविद्यालय विनियामक के अध्यक्ष डॉ. भरत शरण सिंह, वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया, ख्यात कवि एवं आलोचक जितेन्द्र श्रीवास्तव, विश्व रंग संवाद के संपादक एवं कवि लीलाधर मंडलोई, वरिष्ठ कवि मदन कश्यप, युवा रचनाकार पल्लवी त्रिवेदी ने संतोष चौबे के कविता संग्रह 'घर बाहर' पर अपने विचार व्यक्त किए।

इस अवसर पर संतोष चौबे ने अपने कविता संग्रह से सुईं, थोड़ा हूँ, भूत बंगला, पुरानी स्त्री की कविता, नई स्त्री की कविता आदि महत्वपूर्ण कविताओं का अविस्मरणीय पाठ किया। उल्लेखनीय है कि कविता संग्रह की श्रृंखला में संतोष चौबे का यह चौथा कविता संग्रह है। इसके पूर्व उनके तीन कविता संग्रह– 'कहीं और सच होंगे सपने', 'कोना धरती का', 'इस अ–कवि समय में' काफी चर्चित हुए हैं।

इस अवसर पर संतोष चौबे के संपादन में विश्व पुस्तक मेले के अवसर पर आई नई पुस्तक 'परंपरा और आधुनिकता' तथा संतोष चौबे व ज्योति रघुवंशी द्वारा संपादित 'वनमाली जी की संपूर्ण कहानियाँ' भी लोकार्पित हुई।

लोकार्पण समारोह का संचालन वनमाली कथा के संपादक युवा कथाकार कुणाल सिंह द्वारा किया गया। सभी अतिथियों का स्वागत डॉ. अभिषेक पंडित, निदेशक, आईसेक्ट, दिल्ली द्वारा किया गया। कार्यक्रम का संयोजन आईसेक्ट पब्लिकेशन के प्रबंधक महीप निगम, विकास अवस्थी द्वारा किया गया। उल्लेखनीय है कि इस अवसर पर बड़ी संख्या में साहित्यकारों और साहित्यप्रेमियों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई।

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